प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में शनिवार को कार्यकरिणी की बैठक नॉर्थ हाल में हुई। बैठक में यूजीसी के निर्णय के अनुसरण में कहा गया कि नई पेंशन स्कीम में आने वाले सभी शिक्षकों एवं गैर शिक्षक कर्मचारियों को ग्रेच्युटी मिलेगी। इसके पहले नई पेंशन स्कीम में आने वालों को ग्रेच्युटी मिलने का प्रावधान नहीं था।
इविवि की मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी डॉ जया कपूर ने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ दीपशिखा सोनकर द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर की स्पेशल लीव पिटीशन में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 13 मई को दिए गए फैसले में उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय को सही माना। उच्च न्यायालय ने माना था कि विभागीय राजनीति के चलते बेबुनियाद मुकदमा दायर किया गया था। इस निर्णय का संज्ञान लेते हुए आज बैठक में निर्णय लिया गया कि डॉ दीपशिखा सोनकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।
उन्होंने बताया कि अर्थशास्त्र विभाग में प्रो गिरीश चंद्र त्रिपाठी के बीएचयू के कुलपति होकर जाने पर उनके कमरे के इस्तेमाल को लेकर शुरू हुए विवाद में डॉ सोनकर द्वारा मुकदमा दायर किया गया था। सीबीसीएस, स्टेटिस्टिक्स, मनोविज्ञान एनसीईएमपी के 25 शिक्षकों की 2 वर्ष तथा गैर शिक्षक वर्ग के 269 कर्मचारियों की एक वर्ष की सेवा परिवीक्षा अवधि पूरी होने पर सेवा स्थायीकरण को सहमति दी गई। परीक्षा समिति द्वारा प्रस्तावित और विद्वत परिषद से पारित होकर परीक्षा से जुड़े कार्यों के लिए मिलने वाले मानदेय में बदलाव को स्वीकृति दे दी गई। इसके अनुसार अब इन कार्यों के लिए बढ़ी दरों से मानदेय मिलेगा।
बैठक में कुलपति प्रो संगीता श्रीवास्तव के पिछले साढ़े तीन साल में किए गए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। 320 शिक्षकों एवं 375 गैर शिक्षक नियुक्ति तथा 103 शिक्षक तथा 127 गैर प्रशिक्षक प्रमोशन, रसायन विज्ञान विभाग की नई बिल्डिंग, लेक्चर थिएटर कॉम्प्लेक्स लाइब्रेरी एक्सटेंशन बिल्डिंग का निर्माण, पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर 26 लाख रुपए की वापसी, हिन्दू हॉस्टल, विज्ञान परिषद का अधिग्रहण, और एमएनएनआईटी के साथ समझौता आदि उपलब्धियों की सराहना की गई।