पश्चिम मध्य रेल हरित पहल की तरफ अग्रसर है और ऊर्जा संरक्षण के लिए सदैव तत्पर एवं अग्रणी रहा है। महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय के कुशल मार्गदर्शन में एनर्जी सेविंग की दिशा में पश्चिम मध्य रेल द्वारा निरंतर अत्याधुनिक सुविधाओं एवं तकनीक की उपयोगिता को बढ़ावा देते हुए कारगर कदम उठाये जा रहे हैं जिसमें रूफ टॉप सोलर प्रणाली काफी उपयोगी साबित हो रही है।
मुख्यालय में प्रमुख मुख्य विद्युत अभियंता के निर्देशन और तीनों मण्डलों के मंडल रेल प्रबंधक तथा वरिष्ठ अधिकारियों एवं विद्युत विभाग के कर्मचारियों द्वारा ऊर्जा बचत के लिए कारगर उपाय किये जा रहे है। जिसके अंतर्गत रेलवे स्टेशनों, टीएसएस/टीआरडी डिपो एवं एलसी गेटों पर रूफ टॉप सोलर प्लांट स्थापित करके लाखों यूनिट बिजली की बचत के साथ-साथ करोड़ों रुपये के रेल राजस्व की भी सेविंग की जा रही है।
जिसके परिणामस्वरूप पश्चिम मध्य रेल पर जनवरी से मई 2024 तक विभिन्न स्थानों पर कुल 245 किलोवाट क्षमता के रूफ टॉप सोलर प्लांटों के माध्यम से 1,10,250 किलोवाट यूनिट बिजली की बचत के साथ-साथ 9,92,250 रुपये रेल राजस्व की भी बचत की गयी है। पश्चिम मध्य रेल पर पिछले पांच महीनों में रेलवे स्टेशनों, टीएसएस/टीआरडी डिपो एवं एलसी गेटों पर रूफ टॉप सोलर प्लांट स्थापित किये है।
जनवरी में कोटा एवं जबलपुर मण्डल के 14 रेलवे स्टेशनों पर 70 किलोवाट क्षमता के रूफ टॉप सोलर प्लांट स्थापित किये गए हैं, जिनसे कुल 31,500 किलोवाट यूनिट बिजली बचत के साथ- साथ 2,83,500 रुपये के रेल राजस्व की बचत हुई है। फरवरी में कोटा मंडल के 2 रेलवे स्टेशनों पर 10 किलोवाट के रूफ टॉप सोलर प्लांट स्थापित करके बिजली कि 4500 किलोवाट यूनिट से 40,500 रुपये के रेल राजस्व की बचत हुई है।
वहीं मार्च में कोटा मंडल के 6 रेलवे स्टेशनों सहित टीएसएस/टीआरडी डिपो एवं एलसी गेट और जबलपुर मण्डल के न्यू कटनी जंक्शन में न्यू व्हीलसेट प्लांट पर कुल 115 किलोवाट क्षमता के रूफ टॉप सोलर प्लांट स्थापित कर 51,750 किलोवाट यूनिट बिजली बचत एवं 4,65,750 रुपये के रेल राजस्व की बचत की गयी है। अप्रैल में जबलपुर मंडल के 4 रेलवे स्टेशनों पर 35 किलोवाट क्षमता के रूफ टॉप सोलर प्लांट की स्थापना से 15,750 किलोवाट यूनिट बिजली एवं 1,41,750 रुपये के रेल राजस्व की बचत हुई है।
इस माह मई में अभी तक जबलपुर मंडल के ब्योहारी रेलवे स्टेशन पर 15 किलोवाट क्षमता का रूफ टॉप सोलर प्लांट स्थापित किया गया है, जिससे 6750 किलोवाट यूनिट बिजली एवं 60,750 रुपये के रेल राजस्व की बचत हुई है। पश्चिम मध्य रेलवे वर्ष 2030 तक हरित ऊर्जा के लक्ष्य की ओर तेज गति से अग्रसर है और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर सम्भव प्रयास जारी है। हरित उर्जा उत्पादन से नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन की दिशा में सहायक सिद्ध होगा।