देश में कोरोना की दूसरी लहर मैं ठीक होने वाले मरीजों में एक नया रोग पैदा हो रहा है, जिसको ब्लैक फंगस कहा जा रहा है। वैज्ञानिक इसे म्यूकर मायोसिस कहते हैं। ब्लैक फंगस के बाद कुछ स्थानों पर वाइट फंगस के केस ही आए हैं। वाइट फंगस ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक है।
यह रोग पहले भी होते थे, परंतु बहुत कम सुने जाते थे। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के साथ में यह रोग बहुत ज्यादा सुना जाने लगा है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना मरीज दिये जाने वाले स्टेरॉयड के कारण शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और उस समय शरीर के अंदर उपस्थित फंगस रोग के रूप में दिखाई देते हैं।
स्टेरॉयड के उपयोग से आदमी के ब्लड शुगर का लेवल भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। ये फंगस शरीर में पहले से उपस्थित होते हैं, परंतु रोग प्रतिरोधक क्षमता के काम ये शरीर में रोग पैदा नहीं कर पाते हैं।
अगर कोरोना वायरस रोग के समाप्त होने के बाद आदमी की नाक से पानी बहे, साइनस में प्रॉब्लम हो, चेहरे में सूजन आए, आंख में दर्द हो, ऐसा लगे कि आंख निकल कर बाहर आ रही है, तो यह सभी ब्लैक फंगस रोग के लक्षण है। वाइट फंगस रोग में खांसी आती है, सर्दी हो जाती है, बुखार आने लगता है, सांस की लंबाई कम होने लगती है। इस प्रकार कोरोना वायरस के रूप थे रोग के समस्त लक्षण वाइट फंगस रोग के भी हैं।
ज्योतिष के अनुसार फंगस जनित रोग राहु और केतु के कारण होते हैं। साथ ही जब लग्न कमजोर होता है तथा छठे, आठवें या बारहवें भाव के स्वामी की जब दशा होती है, तब यह रोग फैलता है। आप लोग द्वारा पूछे गए प्रश्न के समय को लेकर प्रश्न कुंडली बनाई गई है, जिसका लग्न वृष राशि है तथा लग्न में सूर्य राहु शुक्र और बुध विराजमान दूसरे भाव में मंगल है, छठे भाव में चंद्रमा है, सातवें भाव में केतु है, नवम भाव में शनि वक्री है और दशम भाव में गुरु विराजमान है।
इस समय इस कुंडली में मंगल की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा में शनि की प्रत्यंतर दशा 10 मार्च 2021 से प्रारंभ हो रही है। इस कुंडली में छठे भाव का स्वामी शुक्र है अष्टम भाव का स्वामी गुरु है तथा बारहवें भाव का स्वामी मंगल है। विंशोत्तरी दशा में मंगल और शुक्र क्रमशः 12वें और छठे भाव के स्वामी है। शनि नवम भाव का स्वामी है।
अतः जब इस समय अष्टम भाव के स्वामी गुरु की सुक्ष्म दशा जो 8 मई से प्रारंभ होकर के 17 मई तक थी यह रोग पकड़ में आया। मंगल में मंगल की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा 9 अगस्त 2021 तक है। अतः तब तक यह रोग भारतीयों को तंग करते रहेंगे तथा 10 अगस्त के उपरान्त इस रोग से ग्रसित लोगों की संख्या अत्यंत अल्प हो जाएगी।
ज्योतिषाचार्य पं अनिल पाण्डेय
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