सनातन परंपरा में मुहूर्त का विशेष महत्व है। कोई भी शुभ कार्य करने से पहले पंचांग में शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है, खासतौर पर सर्वार्थ सिद्धि योग में कोई भी कार्य का शुभारंभ करना शुभ माना जाता है। इससे कार्य की सफलता निश्चित मानी जाती है।
वही कुछ समय ऐसा होता है, जब शुभ कार्य करना निषिद्ध होता है। ऐसे समय को भद्राकाल कहा जाता है। इस काल में कार्य करना अशुभ माना जाता है और कार्य के असफल होने की संभावना रहती है।
ज्योतिषाचार्य पं अनिल पाण्डेय के अनुसार इस सप्ताह 24 नवंबर को शाम 5:57 बजे से रात अंत तक , 26 नवंबर को सूर्योदय से लेकर 27 नवंबर की रात 1:14 बजे तक तथा 29 नवंबर को दोपहर 12:10 बजे से रात 1:14 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग है। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए समस्त कार्य सफल होते हैं।
वहीं 25 नवंबर को शाम 4:57 बजे से रात के अंत तक तथा 29 नवंबर को दोपहर 12:10 बजे से रात 1:08 बजे तक भद्राकाल है। भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।