संगीत, नृत्य और नाटक की राष्ट्रीय संस्था संगीत नाटक अकादमी ने नई दिल्ली में 6-8 नवंबर 2022 को आयोजित अपनी सामान्य परिषद की बैठक में देश भर के 102 कलाकारों का चयन किया है, जिन्होंने वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार हेतु प्रदर्शन कला के अपने संबंधित क्षेत्रों में युवा प्रतिभाओं के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाई है। इसके अलावा बैठक में सर्वसम्मति से प्रदर्शन कला के क्षेत्र में दस प्रतिष्ठित विभूतियों को अकादमी अध्येता (फेलो) के रूप में चुना है। वहीं वन-टाइम संगीत नाटक अकादमी अमृत पुरस्कार के लिए 86 कलाकारों का चयन किया है। इनमें ऐसे कलाकार शामिल हैं, जिनकी उम्र 75 वर्ष से अधिक है और जिन्हें भारत के प्रदर्शन कला के क्षेत्र में अब तक अपने करियर में कोई राष्ट्रीय सम्मान नहीं मिला है।
संगीत नाटक अकादमी के द्वारा 40 वर्ष से कम आयु के कलाकारों को दिए जाने वाले उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार की शुरुआत प्रदर्शन कला के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट युवा प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें प्रोत्साहित करने तथा उन्हें अपने जीवन की शुरुआत में ही राष्ट्रीय पहचान दिलाने के उद्देश्य से की गई थी, ताकि वे अपने चुने हुए क्षेत्रों में अधिक प्रतिबद्धता एवं समर्पण भाव के साथ काम कर सकें।
युवा कलाकार प्रदर्शन कलाओं की संपूर्ण सरगम को कवर करते हैं जैसे कि हिंदुस्तानी और कर्नाटक दोनों तरह के कंठ संगीत, बांसुरी, सितार एवं मृदंगम सहित हिंदुस्तानी व कर्नाटक दोनों के वाद्य संगीत तथा संगीत की अन्य प्रमुख परंपराएं आदि। अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा से पुरस्कार के लिए चुने गए पूर्वोत्तर के 19 कलाकारों के साथ देश के पूर्वोत्तर राज्यों को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया गया है। उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार में 25,000 रुपये की नकद राशि दी जाती है। युवा पुरस्कार संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष द्वारा एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा।
वहीं प्रदर्शन कला के क्षेत्र में दस प्रतिष्ठित विभूतियों को अकादमी अध्येता (फेलो) के रूप में चुना है। अकादमी की फैलोशिप एक सबसे प्रतिष्ठित और दुर्लभ सम्मान है, जो किसी भी समय 40 तक सीमित है। इन दस अध्येताओं के चयन के साथ ही वर्तमान में संगीत नाटक अकादमी के अब 39 अध्येता हो गए हैं। सामान्य परिषद ने वर्ष 2019, 2020 और 2021 हेतु अकादमी पुरस्कार (अकादमी पुरस्कार में अंतर्गत संगीत नाटक के लिए संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक/लोक/जनजातीय संगीत/नृत्य/रंगमंच, कठपुतली कला और प्रदर्शन कला में समग्र योगदान / छात्रवृत्ति के लिए के क्षेत्र से 128 कलाकारों का चयन किया है। इन 128 कलाकारों में तीन संयुक्त पुरस्कार शामिल हैं।
ये प्रख्यात कलाकार प्रदर्शन कला के संपूर्ण सरगम- जैसे कि हिंदुस्तानी और कर्नाटक दोनों प्रकार का गायन; वाद्य संगीत, बांसुरी, सितार और मृदंगम सहित हिंदुस्तानी और कर्नाटक दोनों में वादन; साथ में सुगम संगीत एवं हरि कथा; भारतीय नृत्य के प्रमुख रूप जैसे भरतनाट्यम, कथक, कथकली, कुचिपुड़ी, ओडिसी, सत्त्रिया, मोहिनीअट्टम और समकालीन नृत्य; नाटक लेखन, निर्देशन, अभिनय, श्रृंगार, प्रकाश व्यवस्था, मंच डिजाइन जैसे रंगमंच की विभिन्न विशेषज्ञताएँ; इसाई नाटकम जैसे रंगमंच की अन्य प्रमुख परंपराओं; लोक एवं आदिवासी कलाओं के साथ-साथ कठपुतली और वाद्य यंत्र बनाने की कलाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। अकादमी अद्येता (फेलो) के सम्मान में 3,00,000 रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है, जबकि अकादमी पुरस्कार में एक ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के अलावा 1,00,000 रुपये की नकद राशि दी जाती है।
इसके अलावा संगीत नाटक अकादमी ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के तहत 86 कलाकारों के लिए वन-टाइम संगीत नाटक अकादमी अमृत पुरस्कार की घोषणा की है। वन-टाइम पुरस्कार के लिए 86 कलाकारों का चयन किया है। इनमें ऐसे कलाकार शामिल हैं जिनकी उम्र 75 वर्ष से अधिक है और जिन्हें भारत के प्रदर्शन कला के क्षेत्र में अब तक अपने करियर में कोई राष्ट्रीय सम्मान नहीं मिला है। इस प्रकार चुने गए पुरस्कार विजेता पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, और विभिन्न राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े होते हैं। इसके अलावा, ये कलाकार भारत की प्रदर्शन कलाओं की विभिन्न शैलियों को जिंदा रखे हुए हैं। संगीत नाटक अकादमी अमृत पुरस्कार में एक ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के अलावा 1,00,000/ रुपये की नकद राशि दी जाती है।
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