केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के मार्गदर्शन में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) हर साल 14 दिसंबर को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर औद्योगिक इकाइयों, संस्थानों व प्रतिष्ठानों को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित करके ऊर्जा खपत को कम करने में उनके प्रयासों को मान्यता देता है और प्रोत्साहित करता है। वहीं इस साल संस्थान की ओर से एक नए पुरस्कार राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार को भी शुरू किया गया है।
इस साल “आजादी का अमृत महोत्सव” के तहत एनईसीए और एनईईआईए पुरस्कार समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। 14 दिसंबर 2021 को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर शीर्ष गणमान्य व्यक्ति राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार और राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार के विजेताओं को सम्मानित करेंगे।
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की ऊर्जा-प्रधान इकाइयों को विशिष्ट ऊर्जा खपत को कम करने में उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रदान किए जाते हैं। एनईसीए (2021) के लिए उद्योग, परिवहन, भवन, संस्थान और उपकरण श्रेणी से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। इन सबको आगे 30 क्षेत्रों में बांटा गया।
आवेदन की समयसीमा खत्म होने तक कुल 408 आवेदकों ने एनईसीए-2021 के लिए हिस्सा लिया। विद्युत मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में पुरस्कार समिति ने उन पुरस्कार विजेताओं की सूची को अंतिम रूप दिया है, जिन्हें 14 दिसंबर 2021 को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
इस साल विद्युत मंत्रालय ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार के अलावा राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार की भी शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य “नवाचार ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकी” को मान्यता देना है। इसके साथ ही उद्योगों और क्षेत्रों को उनकी इकाइयों में नवाचार ऊर्जा दक्षता प्रयासों को विकसित करने के बारे में प्रेरित करने के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करना है।
इसके लिए श्रेणी ए (उद्योग, परिवहन, भवन) और श्रेणी बी (छात्र और अनुसंधानकर्ताओं) से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। आवेदन के लिए तय समयसीमा समाप्त होने तक एनईईआईए- 2021 कुल 149 आवेदकों ने हिस्सा लिया। नई प्रौद्योगिकियों व विचारों को बढ़ावा देने और बड़े समूहों के इन नवाचारों को अपनाने के रास्ते खोलने के लिए ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार इस समय की जरूरत है।
यह पुरस्कार ऊर्जा दक्षता हासिल करने और अनुसंधान व विकास पर अधिक जोर देने को लेकर नई विधियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। नवाचार में कम अवधि में पर्याप्त बदलाव लाने और रोजगार के नए अवसरों के लिए रास्ता बनाने की क्षमता है।
ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना कम कार्बन ऊर्जा बदलाव के लिए प्रमुख आधार हैं। इनके लिए विभिन्न प्रतिभागियों के प्रयासों को मान्यता प्रदान करके आगे की कार्रवाई के लिए इस बदलाव को तेज करना है। इनके नतीजे आखिर में भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान और व्यापक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में अपना योगदान करते हैं।