सनातन संस्कृति में सावन अथवा श्रावण के महीने को बहुत ही पवित्र महीना माना जाता है और शास्त्रों के अनुसार सावन मास में भगवान शिव की आराधना करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। सावन मास में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। सावन मास के सोमवार का विशेष महत्व है, इस दिन शिवालयों से लेकर घर तक कई अनुष्ठान संपन्न किये जाते हैं।
सावन मास के प्रत्येक सोमवार को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन भगवान शिव की पूजा और अभिषेक करने से शिवकृपा के साथ ही विशेष पुण्य प्राप्त होता है। सावन मास में शिव पूजा करने से समस्त रोगों, विकारों एवं क्लेशों का नाश होता है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास का प्रारंभ आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के समापन के साथ होता है। सावन माह हिन्दू कैलेंडर का 5वां माह होता है। इस वर्ष सावन माह रविवार 25 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। इसका समापन 22 अगस्त दिन रविवार को होगा।
इस बार सावन मास में दो बार श्रवण नक्षत्र पड़ रहा है तथा चार सोमवार पड़ रहे हैं। इन चारों सोमवार में यदि प्रत्यक्ष विधान के अनुसार पूजा की जाए, तो रोगों और पारिवारिक क्लेश का नाश होता है। इस श्रावण में सोमवार को इस प्रकार पूजा करें, लाभ होगा।
सनातन धर्म में सावन का पहला दिन बहुत विशेष माना गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस वर्ष सावन के पहले दिन पर आयुष्मान योग बनने जा रहा है। इसके साथ इस दिन चंद्रमा का स्थान मकर राशि में रहेगा। सावन मास में इस बार पहला सोमवार 26 जुलाई को, दूसरा सोमवार 2 अगस्त को, तीसरा सोमवार 9 अगस्त को और चौथा सोमवार 16 अगस्त को पड़ेगा।