Tuesday, November 26, 2024
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स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण करने के लिए छोटे परमाणु रिएक्टरों जैसी नई प्रौद्योगिकियों पर काम कर रही है सरकार

केंद्र सरकार ने आज बताया कि वह स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण के लिए छोटे परमाणु रिएक्टरों जैसी नई प्रौद्योगिकियों पर काम कर रही है। केंद्रीय परमाणु ऊर्जा मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि परमाणु ऊर्जा को बिजली उत्पादन के लिए सबसे आशाजनक स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों में से एक माना जाता है।

विश्‍व भर में परमाणु ऊर्जा का उपयोग करने की कार्यनीति पर बल दिया जा रहा है जो आने वाले वर्षों में जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम कर सकती है। छोटी क्षमता वाले परमाणु ऊर्जा संयंत्र, जो छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) के रूप में विख्‍यात है, मॉड्यूलरिटी, स्केलेबिलिटी, निम्‍न उपस्थिति और बेहतर सुरक्षा की अपनी अनूठी विशेषताओं के साथ खुद को कम होते कोयला आधारित थर्मल पावर स्टेशन साइटों के पुन: उपयोग (रिपर्पसिंग) के लिए एक आकर्षक विकल्प के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

देश भर में, विशेषकर उन स्थानों पर जो बड़े परमाणु संयंत्रों के लिए उपयुक्त नहीं हैं, छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों को तैनात करने से, बड़ी मात्रा में निम्‍न कार्बन वाली बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। जीवाश्म ईंधन की खपत से दूर रहने के लिए, पुराने जीवाश्म ईंधन-आधारित बिजली संयंत्रों को पुनर्जीवित करने हेतु एसएमआर संस्थापित और प्रचालित किए जा सकते हैं।

हालांकि, एसएमआर से पारंपरिक बड़े आकार के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, जो बेस लोड संयंत्र के रूप में काम करते हैं, के प्रतिस्थापन के रूप में कार्य करने की उम्मीद नहीं की जाती है। विकिरण को रोकने और सभी परिस्थितियों में आम लोगों के संपर्क में आने से बचने के लिए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को सख्‍त विनियामक आवश्यकताओं के अनुरूप संस्थापित और प्रचालित किया जाता है।

एसएमआर के तकनीकी-वाणिज्यिक पहलू अभी भी वैश्विक स्तर पर प्रारंभिक चरण में हैं और विशेष रूप से आपातकालीन योजना क्षेत्र और सार्वजनिक स्वीकृति पर विचार करते हुए, इसकी व्‍यापक स्‍तर पर तैनाती अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) द्वारा विश्व स्तर पर नियामक सामंजस्य सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है।

छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) औद्योगिक डीकार्बोनाइजेशन में, विशेष रूप से जहां बिजली की भरोसेमंद और निरंतर आपूर्ति की आवश्यकता होती है, एक आशाजनक प्रौद्योगिकी है। भारत स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए एसएमआर के विकास से संब‍ंधित कदमों पर विचार कर रहा है।

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