केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार के पुरुष कर्मचारी भी अब बच्चों की देखभाल से संबंधित अवकाश के हकदार होंगे।
हालांकि डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि बच्चों की देखभाल से संबंधित अवकाश (सीसीएल) का प्रावधान और विशेषाधिकार केवल उन पुरुष कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होगा जो एकल पुरुष अभिभावक हैं। इस श्रेणी में वैसे पुरुष कर्मचारी शामिल हो सकते हैं जो विधुर या तलाकशुदा या अविवाहित हैं और इस कारण एकल अभिभावक के रूप में उन पर बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी है।
इस कदम को सरकारी कर्मचारियों के जीवन यापन को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रगतिशील सुधार बताते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस संबंध में आदेश कुछ समय पहले जारी कर दिए गए थे, लेकिन किन्ही वजहों से जनता में इसका पर्याप्त प्रचार नहीं हो पाया।
इस प्रावधान में थोड़ी और ढील दिये जाने की जानकारी देते डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों की देखभाल से संबंधित अवकाश पर जाने वाला कोई कर्मचारी अब सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति से मुख्यालय छोड़ सकता है। इसके अलावा, उस कर्मचारी द्वारा छुट्टी यात्रा रियायत (एलटीसी) का लाभ उठाया जा सकता है, भले ही वह बच्चों की देखभाल से संबंधित अवकाश पर हो।
इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बच्चों की देखभाल से संबंधित अवकाश की मंजूरी पहले 365 दिनों के लिए 100 प्रतिशत सवेतन अवकाश और अगले 365 दिनों के लिए 80 प्रतिशत सवेतन अवकाश के साथ दी जा सकती है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ समय से प्राप्त जानकारी के आधार पर इस संबंध में उठाया एक अन्य कल्याणकारी कदम यह है कि एक दिव्यांग बच्चे के मामले में, चाइल्ड केयर लीव को बच्चे की 22 वर्ष की आयु तक ही दिए जाने के प्रावधान को हटा दिया गया है और अब किसी भी उम्र के दिव्यांग बच्चे के लिए सरकारी कर्मचारी द्वारा चाइल्ड केयर लीव का लाभ उठाया जा सकता है।