भोपाल (हि.स.)। धान उपार्जन समाप्त होने के बाद जिले में किसानो के नामों पर की गई धान खरीदी में गोलमाल व भ्रष्टाचार आए दिन उजागर हो रहा है। मामला उपार्जन केन्द्र विपणन संघ कोतमा का है, जहां गोदाम परिसर में 25 जनवरी की रात वाहन क्रमांक एमपी 18 जीए 1558 में 124 बोरी धान लोड कर खड़ा था, जिसकी शिकायत 26 जनवरी को कोतमा एसडीएम से की होने पर राजस्व निरीक्षक मेघनंद सिंह कंवर एवं पटवारी अभिमन्यू पाल ने मौके पर पहुंच कर पंचनामा तैयार कर तथा चालक से मॉ ज्वाला उचेहरा राईस मिल के लेटर पैड की बिल्टी तथा 407 वाहन सहित 124 बोरी धान को जब्त करते हुए कोतमा थाना परिसर में खड़ा कराया।
इतना ही नही विपणन संघ कोतमा के गोदाम में 2400 क्विंटल 6 हजार बोरी धान कम है। वहीं दूसरे मामलो में सूत्रो ने बताया कि विपणन संघ कोतमा के गोदाम में बनाये गये धान खरीदी केन्द्र के प्रभारी व प्रबंधक की मिली भगत से हैण्डलिंग चालान काट कर उनके आधार पर नॉन द्वारा एसी नोट काट दी गई है। जिसकी भरपाई के लिए कोतमा के मिलरों से डीओ की मांग की जा रही है।
कोतमा में उपार्जित धान की हेराफेरी का मामला सामने आया है, जहां उपार्जन केन्द्र विपणन संघ कोतमा में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कोतमा द्वारा धान की खरीदी की गई है। लेकिन गोदाम स्तरीय खरीदी होने के बाद 26 जनवरी को मॉ ज्वाला उचेहरा राईस मिल द्वारा 407 वाहन क्रमांक एमपी 18 जीए 1550 में 124 बोरी धान लोड़ कर विपणन कोतमा के गोदाम में भेजा गया और बकायदा मिलर द्वारा अपने मिल के लेटर पैड में उपार्जन केन्द्र प्रभारी के नाम पर लेख किया गया है कि उक्त धान की बोरी जो हमारे यहां रखाई गई थी उसे हम उक्त वाहन के माध्यम से भेज रहे है, जिसकी खाली कराकर पावती देने की कृपा करे। जबकि उपार्जन नीति के अनुसार गोदाम स्तरीय खरीदी केन्द्र में ही धान खरीदी किया जाना है, जिसके गोदाम में भंडारण के बाद ही मिलिंग के लिए मिलर को प्रदाय किया जाना है, लेकिन यहां मिलर द्वारा उल्टा अपने मिल से विपणन संघ के गोदाम में धान को नियम विरूद्ध भेजा गया है।
मामले छिपाने जारी किया गया हैण्डलिंग चालान पूरा मामला उजागर होते ही उपार्जन केन्द्र प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी उर्फ लल्लू धतुरा ने जल्दबाजी में खरीदी बंद होने के 6 दिन बाद 21 जनवरी को उक्त धान जमा कराने के लिए विपणन कोतमा गोदाम के नाम पर हैण्डलिंग चालान काट दिया गया। जिसमें किसान रवि सिंह गोड़ पिता नागेश्वर के नाम पर 9.4 क्विंटल 22 बोरी एवं सियावती गोड़ पति कोमल सिंह गोड़ 40 क्विंटल 100 बोरी कुल 122 बोरी धान जमा करना दिखाया गया है। जहां केन्द्र प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी द्वारा गोदाम स्तरीय केन्द्र में उक्त जब्त धान को राईस मिल से मंगाकर उसका हैंडलिंग चालान काट कर स्वयं ही अपने आरोपो में घिर कर फंस चुके है।
खरीदी प्रभारी चद्रशेखर तिवारी ने बताया कि डीएसओ साहब के मौखिक आदेश पर बिना डीओ (डिलेवरी आर्डर) के सिर्फ टोकन पर अब्दुल वाहिद राईस मिल कोतमा और मॉ ज्वाला उचेहरा राईस रेउला तथा महालक्ष्मी सार्टेक्स राईस मिल को दिया गया था। समिति प्रबंधक के पुत्र राईस मिल संचालक जानकारी के अनुसार उपार्जन केन्द्र विपणन संघ कोतमा में सेवा सहकारी समिति कोतमा को धान उपार्जन का कार्य सौंपा गया था। समिति प्रबंधक मोहन लाल द्विवेदी है, वहीं उनके पुत्र मॉ ज्वाला उचेहरा राईस मिल के संचालक है। पूरे मामले में 407 वाहन में पहुंची 124 बोरी धान भी मॉ ज्वाला राईस मिल से पहुंची है, वाहन चालक मथुरा प्रसाद द्वारा राजस्व निरीक्षक के सामने दिए गए बयान व पंचनामा में मॉ ज्वाला राईस मिल से धान लाना स्वीकार किया है।
अब देखना है कि खाद्य विभाग द्वारा धान उपार्जन नीति के अनुसार कार्यवाही करती है या फिर मिलीभगत के लगे आरोपो को अपने ऊपर सही सिद्ध करती है। बिना डीओ कैसे दी जा रही मिलरों को धान जिले में उपार्जित धान की खरीदी के बाद जहां शासकीय धान का अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा ही मिलकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है,जहां केन्द्र प्रभारी द्वारा स्वयं ही उपार्जन नीति का उल्लंघन करते हुए बिना डीओ के ही सिर्फ टोकन के आधार पर धान कोतमा के कई मिलरों को दिया जाना स्वीकार किया गया, वहीं बाद में मिलरों द्वारा उक्त धान का डीओ लाकर उनके पास जमा किया गया है।
आखिरकार इस पूरे मामले में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, नागरिक आपूर्ति विभाग सहित मिलर वा खरीदी प्रभारियों की मिली भगत से जिले के शासकीय धान की अफरा तफरी कर कालाबाजारी को अंजाम दिया जा रहा है। गोदाम वा मिलरों का भौतिक सत्यापन आवश्यक पूरे मामले का खुलासा करने के लिए जहां विपणन संघ गोदाम में रखे धान और इसी गोदाम से जिन जिन मिलरों द्वारा डीओ दिया गया है उन मिलरों में अब्दुल वाहिद राईस मिल, मां ज्वाला उचेहरा राईस मिल तथा महालक्ष्मी शार्टेक्स राईस मिल के भौतिक सत्यापन राजस्व अधिकारियों सहित वेयर हाउस, खाद्य विभाग एवं नॉन के अधिकारियों से कराए जाने पर जिले मे हुई सबसे बड़ा धान घोटाला सामने आ सकता है।
कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने कहां कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी, अगर धान उपार्जन नीति के विरूद्ध कार्य किया या करवाया गया तो संबंधितो से भी जवाब मांगा जाएगा साथ ही भौतिक सत्यापन भी कराया जाएगा।