Saturday, December 28, 2024
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माओवादी लिंक मामले में जीएन साईबाबा सहित छह आरोपितों को बाम्बे हाई कोर्ट ने किया बरी

मुंबई (हि.स.)। बाम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने माओवादी लिंक मामले में 54 वर्षीय जीएन साईबाबा समेत छह आरोपितों को बरी कर दिया है। यह फैसला मंगलवार को जस्टिस विनय जोशी और जस्टिस वाल्मिकी एसए मेनेजेस की पीठ ने सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष इन सभी के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा। कोर्ट ने सबूतों की कमी के लिए अभियोजन पक्ष को फटकार भी लगाई।

कोर्ट ने 54 वर्षीय साईबाबा को दी गई आजीवन कारावास की सजा को रद्द करते हुए हेम मिश्रा, महेश तिर्की, विजय तिर्की, नारायण सांगलीकर, प्रशांत राही और पांडु नरोटे (मृतक) को निर्दोष करार करते हुए बरी कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपितों के खिलाफ मामले को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा है। साथ ही आरोपियों पर कठोर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत आरोप लगाने के लिए ली गई मंजूरी को भी ‘अमान्य और शून्य’ माना।

कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष सभी आरोपितों के खिलाफ कोई कानूनी जब्ती या कोई आपत्तिजनक सामग्री स्थापित करने में विफल रहा है। पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट का फैसला कानून के तहत टिकाऊ नहीं है। अदालत ने कहा कि यूएपीए के तहत आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए ली गई मंजूरी कानूनी और उचित नहीं थी। सभी आरोपितों पर मुकदमा चलाने की अवैध मंजूरी के कारण पूरा अभियोजन पक्ष खराब हो गया है। कानून के अनिवार्य प्रावधानों के उल्लंघन के बावजूद मुकदमा चलाना न्याय की विफलता के समान है।

इसके बाद अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से अपने आदेश पर छह सप्ताह के लिए रोक लगाने का अनुरोध किया, ताकि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सके। इसके बाद कोर्ट ने रोक लगाने के लिए लिखित एक आवेदन देने का निर्देश दिया।

साईबाबा को माओवादी लिंक मामले में 2014 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह नागपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। मार्च, 2017 में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की सत्र अदालत ने कथित माओवादी संबंधों और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए साईबाबा सहित अन्य आरोपितों को दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसी सजा को साईबाबा ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और इसकी सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख दिया था। बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने आज फैसला सुनाते हुए साईबाबा सहित अन्य को निर्दोष करार देते हुए मामले से बरी करने का आदेश जारी किया है।

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