मुंबई (हि.स.)। बाम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को मराठा नेता मनोज जारांगे को नोटिस जारी करते हुए कहा कि अगर मुंबई में उनके आंदोलन के दौरान शहर की कानून व्यवस्था बिगड़ी तो कार्रवाई की जाएगी। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को भी शहर की सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का आदेश जारी किया है। हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 15 दिनों तक के लिए स्थगित कर दी है।
मराठा नेता मनोज जारांगे ने 26 जनवरी से मुंबई में मराठा समाज को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने का ऐलान किया है। इस आंदोलन के दौरान मनोज जारांगे ने मराठा समुदाय के लोगों को ट्रैक्टर सहित अन्य वाहनों के साथ मुंबई पहुंचने का आह्वान किया है। वकील गुणरत्न सदावर्ते ने बुधवार को हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि जारांगे के आंदोलन से मुंबईवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इससे शहर की कानून व्यवस्था भी बिगड़ सकती है।
राज्य के महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि अभी तक मनोज जारांगे को मुंबई में आंदोलन की अनुमति नहीं दी गई है, लेकिन राज्य सरकार आंदोलन के समय कानून व्यवस्था को बनाए रखेगी। इसके बाद हाई कोर्ट ने कहा कि मनोज जारांगे के आंदोलन के समय अगर कानून व्यवस्था बिगड़ी तो उसकी पूरी जिम्मेदारी जारांगे की होगी और उन पर कानूनन कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की नोटिस हाईकोर्ट की ओर से जारांगे को जारी की गई है।
साथ ही राज्य सरकार को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाने का भी आदेश कोर्ट ने दिया है। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 15 दिनों के लिए स्थगित कर दी है, लेकिन बीच में अगर जरूरत पड़ी तो याचिकाकर्ता गुणरत्न सदावर्ते को कोर्ट में आने की छूट दी है।