नई दिल्ली (हि.स.)। सीमा सड़क संगठन (BRO) ने रविवार को भारत माता की जय के जयघोष के साथ नौशेरा सुरंग के निर्माण कार्य का उद्घाटन किया। यह 700 मीटर लंबी रणनीतिक सुरंग अखनूर और पुंछ को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी होगी। बीआरओ ने राष्ट्रीय राजमार्ग 144ए के अखनूर-पुंछ रोड पर सुरंग का मिलान तय समय से पहले पूरा कर लिया है। इस परियोजना के निर्धारित समय से पहले 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में 200 किलोमीटर लंबा अखनूर-पुंछ गोल्डन आर्क रोड रणनीतिक दृष्टि से भी अहम है। ये दक्षिण कश्मीर और जम्मू क्षेत्र को प्रदेश के पश्चिमी इलाकों से जोड़ता है। यह मार्ग अखनूर, राजौरी और पुंछ जैसे महत्वपूर्ण सीमावर्ती जिलों को आपस में जोड़ता है। इस खंड में चार प्रमुख कंडी सुरंग, सुंगल सुरंग, नौशेरा सुरंग और भीम बर्ग गली सुरंग हैं। रविवार को भारत माता की जय के जयघोष के साथ नौशेरा सुरंग का उद्घाटन समारोह हुआ। 700 मीटर लंबी प्रभावशाली सुरंग अखनूर और पुंछ को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने समारोह में इस परियोजना के महत्व को रेखांकित किया, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने और राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ सुगम परिवहन की सुविधा प्रदान करने में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग की प्रगति में तेजी आ गई है। इस परियोजना के निर्धारित समय से पहले 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। अपने संबोधन के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने कहा कि बीआरओ जम्मू-पुंछ क्षेत्र में दूरदराज के क्षेत्रों को प्रमुख केंद्रों से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहा है। जम्मू-पुंछ लिंक तेजी से आगे बढ़ रहा है और अगले कुछ वर्षों में पूरा होने की राह पर है।
एलओसी पर रक्षा बुनियादी ढांचे के बारे में पूछे जाने पर लेफ्टिनेंट जनरल श्रीनिवासन ने उल्लेख किया कि रक्षा बुनियादी ढांचे का विकास एक सतत प्रक्रिया है। सीमा सड़क संगठन पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा, एलओसी और एलएसी पर रणनीतिक सड़कों के निर्माण और बुनियादी ढांचे रक्षा को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह सड़कें राष्ट्र का निर्माण करती हैं, इसलिए बीआरओ ने अपने ‘प्रोजेक्ट संपर्क’ के जरिये सामाजिक-आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए सीमावर्ती सड़कों के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए खुद को फिर से समर्पित कर दिया है।
क्या है ‘प्रोजेक्ट संपर्क’
सीमा सड़क संगठन पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा पर सड़क संपर्क को लगातार मजबूत करने की मुहिम में जुटा है। इसी उद्देश्य से जम्मू में 1975 में ‘प्रोजेक्ट संपर्क’ शुरू हुआ था। इसका कार्यक्षेत्र पठानकोट से जम्मू कश्मीर की पीर पंजाल रेंज तक और उत्तर में पुंछ तक है। इसके तहत ही पाकिस्तान की सीमा से लगते सड़क मार्ग को फिर से मजबूत बनाया गया है। इसी प्रोजेक्ट के तहत ही कठुआ और सांबा जिलों में उज्ज और बसंतर दरियाओं पर पुल भी बनाए गए हैं। इसके अलावा अन्य दर्जनों छोटे पुल भी बने हैं। अब नियंत्रण रेखा पर पुंछ तक सड़क मार्ग सुगम बनाया जाना है।