सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लेह-मनाली राजमार्ग (एनएच 3) को 25 मार्च, 20023 को 138 दिनों के रिकॉर्ड समय में खोल दिया है। पिछले साल बीआरओ को इस राजमार्ग को यातायात के लिए खोलने में 144 दिन लगे थे। ये मनाली के रास्ते लद्दाख को बाकी भारत से जोड़ने वाला 427 किलोमीटर लंबा एक रणनीतिक राजमार्ग है।
लेह-मनाली राजमार्ग का लद्दाख के अंदरूनी क्षेत्रों में सशस्त्र बलों और उनकी आपूर्ति की आवाजाही में खासा रणनीतिक महत्व है। साथ ही ये लद्दाख के लोगों को भारत से जोड़ता है। ये राजमार्ग 422 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-कारगिल-लेह राजमार्ग (एनएच-1डी) का एक वैकल्पिक रास्ता है, जिसे 16 मार्च 2023 को सीमा सड़क संगठन द्वारा खोला गया था। बीआरओ ने निम्मू-पदम-दारच में 16,580 फीट पर स्थित शिंकुला दर्रे को भी 23 मार्च 2023 को 55 दिनों के रिकॉर्ड समय में खोल दिया है।
लेह-मनाली राजमार्ग आम तौर पर सर्दियां आने के साथ ही नवंबर के आखिर से बंद हो जाता है और मार्च में जाकर खुलता है। लद्दाख में बीआरओ फ्रंटलाइन प्रोजेक्ट हिमांक और हिमाचल प्रदेश में प्रोजेक्ट दीपक द्वारा पूरी 427 किलोमीटर सड़क की बर्फ को साफ कर दिया गया है। ये चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन कुशल जनशक्ति और अत्याधुनिक मशीनों से लैस दो अलग अलग टीमों द्वारा सड़क के दो छोर से शुरू किए गए। हिमाचल प्रदेश के सरचू में दो बर्फ हटाने वाली टीमों के एक समान बिंदु पर पहुंचने के साथ ही वहां एक ‘गोल्डन हैंडशेक’ समारोह आयोजित किया गया ताकि राजमार्ग को खुला घोषित किया जा सके।