नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ट्रस्टों और संस्थानों द्वारा धर्मार्थ दान के कर निर्धारण को स्पष्ट किया है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी है।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक सीबीडीटी ने जारी एक परिपत्र में आय के प्रयोजन के लिए एक ट्रस्ट या संस्था द्वारा दूसरे ट्रस्ट या संस्था को दिए गए दान से संबंधित वित्त अधिनियम 2023 के तहत प्रावधानों को स्पष्ट किया है। सीबीडीटी के मुताबिक आयकर अधिनियम 1961 की धारा 12एए या 12एबी के तहत पंजीकृत कोई भी ट्रस्ट या संस्थान कुछ शर्तों की पूर्ति के अधीन छूट प्राप्त है।
सीबीडीटी की ओर से जारी की गई परिपत्र संख्या 03/2024 में स्पष्ट किया गया है कि धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए ट्रस्टों या संस्थानों द्वारा दूसरों को दिए गए दान को 85 फीसदी की सीमा तक इन उद्देश्यों के लिए आवेदन माना जाएगा। शेष 15 फीसदी को निर्दिष्ट मोड में निवेश की आवश्यकता नहीं होगी। बोर्ड के मुताबिक यह सुनिश्चित करते हुए कि पूरी दान राशि लागू व्यवस्थाओं के तहत छूट प्राप्त है।
सीबीडीटी ने यह स्पष्टीकरण ऐसे प्राप्त अभ्यावेदन पर जारी किया है, जिसमें यह चिंता व्यक्त की गई थी कि क्या अन्य ट्रस्ट या संस्था को दान का शेष 15 फीसदी कर योग्य होगा या 15 फीसदी संचय के लिए पात्र होगा, क्योंकि धन उपलब्ध नहीं होगा। पहले ही वितरित किया जा चुका है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा ऊपर उठाए गए मुद्दों के संदर्भ में मामले की जांच के उपरांत जारी एक सर्कुलर संख्या 3/2024 एफ.नं.370142/5/2024-टीपीएल दिनांक 06 मार्च, 2024 के माध्यम से मामले को स्पष्ट रूप से समझने के लिए उदाहरणों द्वारा स्पष्ट किया गया है। उक्त परिपत्र परिपत्र-3-2024.pdf (incometaxindia.gov.in) पर उपलब्ध है।
उल्लेखनीय है कि सीबीडीटी ने एक दिन पहले जारी अधिसूचना में कहा था कि अस्पताल, शैक्षणिक संस्थानों, ट्रस्टों, फंडों आदि को कर छूट का दावा करने के लिए आकलन वर्ष 2023-24 के लिए ऑडिट रिपोर्ट 31 मार्च, 2024 तक दाखिल करनी होगी। इससे पहले नियत तारीख 31 अक्टूबर थी। बोर्ड ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर कर की मांग की जाएगी।