केंद्रीय मंत्री और पेंशन विभाग के प्रभारी डॉ जितेंद्र सिंह ने आज स्पष्ट किया और इस बात को दोहराया कि जीवनसाथी की पेंशन के लिए संयुक्त बैंक खाता अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने हमेशा सेवानिवृत्त और पेंशनभोगी समेत समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए जीवन यापन में आसानी के लिए अनेक प्रयास किये हैं। अपने लम्बे अनुभव और अपने लम्बे कार्यकाल के दौरान दी गई सेवाओं के कारण सेवानिवृत्त और पेंशनभोगी, वास्तव में देश की परिसंपत्ति हैं।
पेंशन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि यदि कार्यालय-प्रमुख संतुष्ट है कि सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के लिए, ऐसे कारणों की वजह से, जो उसके नियंत्रण में नहीं हैं, अपने जीवनसाथी (पति या पत्नी) के साथ संयुक्त खाता खोलना संभव नहीं है, तो इस नियम में ढील दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की पेंशन का वितरण करने वाले सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया है कि यदि पति या पत्नी (पारिवारिक पेंशनभोगी) परिवार पेंशन जमा करने के लिए मौजूदा संयुक्त बैंक खाते का विकल्प चुनते हैं, तो बैंकों को नया खाता खोलने पर जोर नहीं देना चाहिए।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जीवनसाथी (पति या पत्नी) के साथ एक संयुक्त बैंक खाता वांछनीय है और यह बैंक खाता जीवनसाथी (पति या पत्नी) के साथ खोला जाना है, जिन्हें पीपीओ में पारिवारिक पेंशन के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि इन खातों का परिचालन पेंशनभोगी की इच्छानुसार पूर्व या जो जीवित है या दोनों में से कोई एक या जो जीवित है के आधार पर किया जाना चाहिए।
संयुक्त बैंक खाता खोलने का कारण यह सुनिश्चित करना है कि परिवार पेंशन बिना किसी विलंब के शुरू किया जा सके और परिवार-पेंशनभोगी को नया पेंशन बैंक खाता खोलने में कोई कठिनाई न हो। पारिवारिक पेंशन शुरू करने के लिए अनुरोध प्रस्तुत करते समय, यह पारिवारिक पेंशनभोगी के लिए न्यूनतम दस्तावेज की ज़रूरत भी सुनिश्चित करता है।