प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने जून, 2022 को समाप्त होने वाली अवधि के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के 12 महीने के औसत में प्रतिशत वृद्धि के आधार पर 1 जुलाई 2022 से देय केन्द्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को चार प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त जारी करने को मंजूरी दे दी है। इस बढ़ोत्तरी के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 38 प्रतिशत हो जाएगा।
केन्द्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी क्रमश: महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की बढ़ी हुई राशि के लिए 1 जुलाई 2022 से हकदार हो जायेंगे। केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इस वृद्धि के कारण प्रति वर्ष 6,591.36 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-23 (यानी जुलाई, 2022 से लेकर फरवरी, 2023 तक की आठ महीने की अवधि) में 4,394.24 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ने का अनुमान है।
पेंशनभोगियों को महंगाई राहत में इस वृद्धि के कारण प्रति वर्ष 6,261.20 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-23 (यानी जुलाई, 2022 से लेकर फरवरी, 2023 तक की आठ महीने की अवधि) में 4,174.12 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ने का अनुमान है।
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दोनों के कारण राजकोष पर संयुक्त रूप से प्रति वर्ष 12,852.56 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-23 (यानी जुलाई, 2022 से लेकर फरवरी, 2023 तक की आठ महीने की अवधि) में 8,568.36 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।