केंद्र सरकार ने पेंशनर्स को बड़ी राहत देते हुये डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिये आधार कार्ड की अनिवार्यता को खत्म कर स्वैच्छिक कर दिया है। इसके अलावा सरकार ने अपनी इंस्टैंट मैसेजिंग सॉल्यूशन वाली ऐप संदेश और सरकारी ऑफिस में हाजिरी लगाने के लिए आधार वैरिफिकेशन को स्वैच्छिक कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा 18 मार्च को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जीवन प्रमाण के लिए आधार की प्रामाणिकता स्वैच्छिक आधार पर होगी और इसका इस्तेमाल करने वाले संगठनों को लाइफ सर्टिफिकेट देने के लिए वैकल्पिक तरीके निकालने चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि इस मामले में एनआईसी को आधार कानून 2016, आधार नियमन 2016 और कार्यालय ज्ञापन तथा यूआईडीएआई द्वारा समय-समय पर जारी सकुर्लर और दिशानिर्देशों का अनुपालन करना होगा।
गौरतलब है कि पेंशन वाले बुजुर्गों को पेंशन लेने के लिए अपनी जीवित होने की सत्यता के लिए लंबी यात्रा कर पेंशन वितरित करने वाली एजेंसी के समक्ष उपस्थित होना पड़ता है या फिर वह जहां नौकरी करते रहे हैं, वहां से उन्हें लाइफ सर्टिफिकेट लाना होता था और उसे पेंशन वितरण एजेंसी के पास जमा कराना होता था।
वहीं डिजिटल तरीके से लाइफ सर्टिफिकेट जारी करने की सुविधा मिलने के बाद पेंशनरों को खुद लंबी यात्रा कर संबंधित संगठन अथवा एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने की अनिवार्यता से निजात मिल गई। लेकिन कई पेंशनरों ने अब इस मामले में शिकायत की है कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें पेंशन मिलने में कठिनाई हो रही है।
वेरिफिकेशन के दौरान उनके अंगूठे का निशान मेल नहीं खा रहा है। जिसके बाद केंद्र सरीकार ने जारी अधिसूचना के जरिये आधार कार्ड को डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जारी करने के लिये स्वैच्छिक बना दिया गया है।