केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 1 अप्रैल से कटौती करने का निर्णय वापस ले लिया है। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर बयाज की दर घटाने का निर्णय लिया था। लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा है कि यह आदेश गलती से निकल गया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें पहली जैसी बनी रहेंगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में मौजूद थीं यानी मार्च 2021 वाली दरें ही लागू रहेंगी। उन्होंने कहा कि ब्याज दरें बढ़ाने वाला आदेश गलती से निकल गया था।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पीपीएफ और एनएससी सहित छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक कटौती किये जाने का निर्णय लिया था। यह कटौती एक अप्रैल से शुरू 2021-22 की पहली तिमाही के लिए किए जाने की घोषणा की गई थी।
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार पीपीएफ के ब्याज पर 0.7 प्रतिशत की कटौती कर यह 6.4 प्रतिशत किये जाने की घोषणा की गई थी, जबकि एनएससी पर ब्याज दर 0.9 कम कर 5.9 प्रतिशत किये जाने की घोषणा की गई थी।
इसके अलावा पंच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 0.9 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दी गयी थी। वहीं बचत खाते में जमा रकम पर ब्याज की दर 0.5 प्रतिशत से घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दी गयी थी।
वहीं ब्याज में सर्वाधिक 1.1 प्रतिशत की कटौती किये जाने का निर्णय एक साल की मियादी जमा राशि पर लिया गया था। इसी प्रकार, दो साल के लिए मियादी जमा पर पर ब्याज 0.5 प्रतिशत टाकर 5 प्रतिशत, तीन साल की अवधि के मियादी जमा पर ब्याज 0.4 प्रतिशत कम किया गया था, जबकि पांच साल के लिए मियादी जमा पर ब्याज 0.9 प्रतिशत कम कर 5.8 प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया गया था।