Tuesday, November 5, 2024
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चार धाम यात्रा: उत्तराखंड में खुले भगवान के द्वार तो अर्थव्यवस्था भी पकड़ेगी रफ्तार

देहरादून (हि.स.)। आखिरकार वह दिन आ ही गया, जिसका भक्तों के अलावा केदारनाथ यात्रा पर रोजगार के लिए निर्भर रहने वाले लोगों को रहता है। उत्तराखंड में भगवान के द्वार खुलने के बाद अब श्रीकेदारनाथ धाम की यात्रा पर देश-दुनिया से तीर्थयात्रियों का आना शुरू हो गया है। ऐसे में स्थानीय रोजगार खिल उठे हैं। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी तो विश्व फलक पर उत्तराखंड समृद्धि की उड़ान भरेगा।

विश्व विख्यात केदारनाथ धाम से हजारों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है। चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद ही नहीं, बल्कि देश के कई राज्यों के लोग यहां रोजगार करने के लिए पहुंचते हैं। होटल, लॉज, घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी, ढ़ाबा, दुकान सहित अन्य कई व्यवसायों के जरिए लोग रोजगार करते हैं। केदारनाथ धाम सहित यात्रा मार्ग पर छह माह तक ही रोजगार मिलता है। छह माह में लोग वर्ष भर का खर्च निकालते हैं। केदारनाथ धाम में कुल 1500 कमरे और 5545 खच्चर रजिस्टर्ड हैं।

अर्थव्यवस्था की रीढ़ है चारधाम यात्रा, उत्तराखंड की खुशहाली और समृद्धि में लगाएगी चार चांद

चारधाम यात्रा देवभूमिवासियों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ऐसे में जब शुरुआत में ही पिछले साल के 56 लाख यात्रियों का रिकॉर्ड टूटने की संभावना जताई जा रही हो तो सबके चेहरों पर मुस्कान आना स्वाभाविक है। चारधाम यात्रा पर्यटन क्षेत्र से जुड़े व्यवसायों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली साबित होगी। साथ ही विभिन्न माध्यमों से बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। कुल मिलाकर चारधाम यात्रा उत्तराखंड की खुशहाली एवं समृद्धि में चार चांद लगाएगी।

रिकॉर्ड पंजीकरण उत्तराखंडवासियों के लिए शुभ संकेत

जगविख्यात चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के रिकॉर्ड पंजीकरण उत्तराखंडवासियों के लिए शुभ संकेत हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार ने सड़क, आवास, पानी, स्वास्थ्य, संचार आदि तमाम जरूरतों को लेकर यात्रियों को कोई दिक्कत न हो, उसके लिए शासन-प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है। आम श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शुरूआती 15 दिनों में कोई वीआईपी तीर्थयात्री नहीं आएंगे। इसके लिए धामी सरकार ने पहले ही आग्रह किया है।

बढ़ता जा रहा चारधाम यात्रा के प्रति लोगों का रुझान

बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी श्रद्धालु चारधाम यात्रा नहीं कर पाएगा, फिर भी चारधाम यात्रा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। श्री केदारनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट शुक्रवार को खोल दिए गए हैं। वहीं श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खोले जाएंगे। चारधाम यात्रा के लिए शनिवार शाम तक कुल 2,442,276 यात्री पंजीकरण करा चुके हैं। इसमें यमुनोत्री के लिए 382,190, गंगोत्री के लिए 436,559, श्री केदारनाथ धाम के लिए 832,681, श्री बद्रीनाथ धाम के लिए 737,885 तो हेमकुंड साहिब के लिए 52,961 यात्री पंजीकरण कराए हैं।

51 हजार श्रद्धालु रोजाना कर सकेंगे चारधाम के दर्शन

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हो गई है। इसके लिए अब तक 24 लाख से ज्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। पिछले साल रिकॉर्ड 55 लाख लोग पहुंचे थे। ऐसे में व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई थीं। इससे सबक लेते हुए उत्तराखंड पुलिस और पर्यटन विभाग ने पहली बार चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की प्रतिदिन की संख्या सीमित कर दी है। पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे के मुताबिक एक दिन में 15 हजार श्रद्धालु श्री केदारनाथ धाम, 16 हजार लोग श्री बद्रीनाथ धाम, नौ हजार श्रद्धालु यमुनोत्री तो 11 हजार लोग गंगोत्री में दर्शन कर सकेंगे यानी चारों धाम में रोजाना 51 हजार लोग दर्शन करेंगे। जबकि पिछले साल रोजाना 60 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे रहे थे।

चारधाम यात्रा का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व

चारधाम यात्रा, चार पवित्र स्थलों की यात्रा है। हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है। यह उत्तराखंड के राजसी हिमालय के बीच स्थित चार प्रतिष्ठित मंदिरों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा को संदर्भित करता है। प्रत्येक मंदिर विभिन्न देवताओं और अद्वितीय आध्यात्मिक ऊर्जाओं को समर्पित है। बद्रीनाथ विष्णु का मंदिर है। केदारनाथ शिव का मंदिर है। गंगोत्री गंगा का मंदिर है। यमुनोत्री यमुना का मंदिर है। उत्तराखंड राज्य को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है।

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