Sunday, December 22, 2024
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विधानसभा में कर्मचारियों की पेंशन का उठा मुद्दा, पूछा- एनपीएस या ओपीएस बेहतर

रायपुर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को कर्मचारियों के पेंशन का मुद्दा उठा। भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने वित्तमंत्री ओपी चौधरी से सवाल पूछा कि प्रदेश सरकार द्वारा शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए एनपीएस के स्थान पर ओपीएस पेंशन योजना कब से प्रारंभ की गई है? ओपीएस पेंशन हेतु क्या प्रावधान किया गया है? कितनी राशि केन्द्र सरकार से राज्य सरकार को प्राप्त होनी है ? क्या शासकीय अधिकारी/कर्मचारी संगठनों द्वारा इस योजना में प्रावधानों की कमियों को लेकर आवेदन दिया गया है? यदि हां, तो उनके प्रमुख बिन्दु क्या-क्या थे? उसे दूर करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है ?

जवाब में वित्त मंत्री ने कहा पीएफआरडीए से राशि मिलनी है। केंद्र सरकार से राशि बकाया नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार अपने हिस्से का 10 प्रतिशत राशि देना नहीं चाहती थी, साथ ही उनकी नजर 19 हजार 136 करोड़ की राशि पर थी। उनकी मंशा कर्मचारियों की हित से ज्यादा उन पैसों के बंदरबांट पर थी। वहीं कांग्रेस विधायक शेषराज हरवंश ने एनपीएस और ओपीएस योजना के बारे में जानकारी चाही, कि कौन सा पेंशन स्कीम ज्यादा फायदेमंद है। जवाब में ओपी चौधरी ने कहा कि यह समझना काफी मुश्किल है। कुछ लोगों को एनपीएस बेहतर लगता है, कुछ ओपीएस को मानते हैं। जिन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ की जानकारी है, वो एनपीएस को बेहतर कहते हैं।

विधायक भावना बोहरा ने पूछा कि ओपीएस की सहमति देने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के एनपीएस खाते में नियमित राशि प्रतिमाह जमा नहीं होने पर उनके खातों को नियमित/जीवित रखने के लिए एनपीएस में क्या प्रावधान है? वर्तमान में की जा अगर राशि की कटौती और पूर्व में एनपीएस योजना के तहत काटी गई राशि समायोजन के लिए क्या प्रयास करेंगे? एनपीएस की राशि कब तक कर्मचारियों के खाते में जमा कराई जाएगी? क्या इसकी स्थापना हो चुकी है या भविष्य में होना है?

वित्तमंत्री ने बताया कि अभी तक स्थापना नहीं हुई है और इसके संबंध में कार्यवाही शीघ्र ही की जाएगी।

भावना बोहरा ने पूछा कि पुरानी पेंशन योजना के तहत अब तक किसी भी कर्मचारी को पेंशन नहीं दी गई गई है ऐसा क्यों? वित्त मंत्री ने बताया कि तत्कालीन सरकार ने नियम बनाया था एनपीस की राशि जमा करने के बाद ही पेंशन दी जाएगी लेकिन अब तक पैसा जमा ना किए जाने की स्थिति में ही कर्मचारियों को अब तक पैसा नहीं दिया गया है।

विधासभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम के लिए सभी को छोटा सा नोट भिजवा दें ताकि सभी विधायकों का कंफ्यूजन दूर हो सके।

इससे पहले वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग की अधिसूचना 11 मई 2022 द्वारा नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर 01 नवंबर 2004 से पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया गया है। छग शासन वित्त विभाग की अधिसूचना 11 मई 2022 एवं अधिसूचना 20 जनवरी 2023 द्वारा ओपीएस पेंशन हेतु प्रावधान किये गये हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार से नहीं, अपितु पीएफआरडीए से कुल राशि रुपये 19136.81 करोड़ राज्य सरकार को प्राप्त होना है।

छग अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के पत्र क्रमांक 376 17 फरवरी 2023 द्वारा ओपीएस/एनपीएस विकल्प चयन हेतु निर्धारित तिथि में वृद्धि के संबंध में आवेदन प्राप्त हुआ था। तत्संबंध में वित्त निर्देश 12/2023 द्वारा विकल्प चयन की तिथि में वृद्धि करते हुए 08 मई 2023 अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। ओपीएस की सहमति देने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के लिये एनपीएस खाते में नियमित राशि प्रतिमाह जमा नहीं होने पर उनके खाते को नियमित/जीवित रखने के संबंध में पीएफआरडीए अधिनियम में खाते के अप्रचलित होने संबंधी प्रावधान नहीं है।

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