ऋषिकेश (हि.स.)। हिमाचल में पिछले दिनों राज्यसभा चुनाव के दौरान 6 कांग्रेस सहित तीन निर्दलीय विधायकों का कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी मनु सिंघवी के विरुद्ध क्रॉस वोटिंग किए जाने के बाद विधानसभा स्पीकर का कांग्रेस के छह विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने के चलते सुक्खू सरकार पर छाये खतरे के बादल उनकी सरकार का पीछा नहीं छोड़ पा रहे हैं।
शनिवार को हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस के इन छह और तीन निर्दली विधायकों सहित कुल 11 विधायकों को चंडीगढ़ प्लेन उत्तराखंड के देहरादून के जौलीगग्रांट एयरपोर्ट लाया गया, जहां लेकर एक बस ऋषिकेश बदरीनाथ मार्ग पर स्थित ताज होटल पहुंची। उनकी सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड सरकार ने चाक चौबंद व्यवस्था कर रखी है। इसे लेकर उत्तराखंड से हिमाचल तक चर्चाओं का बाजार गर्म है।
उल्लेखनीय की इससे पूर्व सभी बागी विधायकों को हिमाचल से चंडीगढ़ शिफ्ट किया गया था, जहां से अब इन विधायकों को उत्तराखंड की भाजपा सरकार के क्षेत्र में शिफ्ट कर दिया गया है। इन सभी विधयकों को पहले चंडीगढ़ से एक चार्टर्ड प्लेन के माध्यम से देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे लाया गया था। इसके बाद उन्हें वहां से आज बस से ताज होटल पहुंचाया गया है।
इनमें सुधीर शर्मा ,राजेंद्र राणा, इंद्रदत्त, लखनपाल, देवेंद्र कुमार भुट्टू ,रविंद्र ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं। उनके साथ तीन निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, केएल ठाकुर, आशीष शर्मा और भाजपा के दो विधायक विक्रम ठाकुर और त्रिलोक जम्वाल भी बताए गए हैं।
गौरतलब है कि हिमाचल सरकार के स्पीकर ने छह विधायकों को क्रॉस वोटिंग के आरोप में अयोग्य घोषित कर सदस्यता रद्द किए जाने के बाद इन विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर न्याय के लिए दस्तक दी है। उन्हें बहुत राहत की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि भाजपा हिमाचल प्रदेश में फ्लोर टेस्ट की मांग भी कर सकती है। इसके चलते इन विधायकों की सुरक्षा बढ़ाई गई है।
गौरतलब है कि राज्यसभा के चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन विजय घोषित हुए थे। जबकि कांग्रेस के यह विधायक बजट मतदान में भी शामिल नहीं हुए हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर ने व्हिप के उल्लंघन के मामले में इन्हें अयोग्य घोषित किया है, जो इस घटना के बाद 21 फरवरी से चंडीगढ़ में ठहरे हुए थे। जिन्हें अब ऋषिकेश के निकट ताज होटल में ठहराया गया है, जहां उनकी सुरक्षा को चाक चौबंद रखा गया है। जिन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है।