मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओरछा में श्री रामराजा मंदिर परिसर में श्री रामराजा लोक का भूमि-पूजन किया और निर्माण कार्य की आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि “उज्जैन बदल गया श्री महाकाल लोक से और अब ओरछा बदलेगा श्री राम राजा लोक से।” भगवान श्री राम की नगरी ओरछा में 81 करोड़ की लागत से श्री रामराजा मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र मिलाकर श्री राम राजा लोक का भव्य निर्माण होगा। उल्लेखनीय है कि निवाड़ी जिले में विश्व धरोहर ओरछा का प्रमुख केन्द्र श्री रामराजा मंदिर है। इसका निर्माण तत्कालीन बुन्देला शासकों ने किया था।
ओरछा का केन्द्र-बिन्दु श्रीराम राजा मंदिर है, जहाँ बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं तथा पर्यटकों का आगमन होता है। श्रृद्धालुओं एवं पर्यटकों की भावनाओं तथा सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए ओरछा में श्री रामराजा मंदिर में श्री रामराजा लोक का विकास किया जाएगा। श्री रामराजा मंदिर परिसर लगभग 2.86 एकड़ में स्थित है। मंदिर के आसपास लगभग 12 एकड़ क्षेत्र में श्री रामराजा लोक विकसित किया जायेगा। श्री रामराजा लोक का प्रारंभ प्रवेश द्वार पर भव्य दरबार गलियारे से होगा।
मंदिर परिसर में 41 करोड़ की लागत से श्री रामराजा लोक प्रवेश द्वार के साथ प्लाजा का विकास, प्रसादालय, कतार परिसर, श्री जानकी मंदिर परिसर का विकास, फूड प्लाजा, आसपास की दुकानों की पुर्नस्थापना, जनसमूह प्रबंधन, दुकानों का सौन्दर्यीकरण और श्रीराम के बाल स्वरूप श्री रामराजा के दरबार के वर्णन सहित गलियारे एवं प्रांगण का विकास होगा जिसमें बाल काण्ड का वर्णन होगा।
प्रांगण में रामायण से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाएगा। सुन्दर कमल नयन से प्रेरित कमल स्तम्भ और पुष्पक विमान देखने को मिलेंगे। इस लोक में स्थानीय वास्तुकला, मंदिर प्रांगण और ऐतिहासिक इमारतों का अनूठा स्वरूप बखूबी देखने को मिलेगा। श्री रामराजा लोक की वास्तुकला बुंदेलखंड की प्रामाणिकता और अखडण्ता का उदाहरण होगी।
सूखे से डरने की जरूरत नहीं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभा में उपस्थित सभी लोगों का आहवान किया कि वे अपने-अपने गाँवों के मंदिरों में वर्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें। उन्होंने कहा कि प्रार्थना-पूजा के साथ ही हम कर्म भी करेंगे। वर्षा के अभाव में यदि कोई संकट आता है तो घबराने की जरूरत नहीं हैं। प्रदेश में बिजली की खपत बढ़ गई है, बांध नहीं भरे हैं, पर हम हर तरह के संकट से निपटने के लिए तैयार हैं। हमारी सरकार किसानों और सभी प्रदेशवासियों को हर तरह के संकट से पार निकाल ले जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अछरू माता का जयघोष कराते हुए कहा कि- “सूखे से डरने की जरूरत नहीं है – हम हर परिस्थिति का मिलकर सामना करेंगे”।
बुंदेलखण्ड के हर खेत को मिलेगा पानी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लाड़ली बहना योजना से बहनों का आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान बढ़ा है। इस माह की 10 तारीख को बहनों के खातों में ग्वालियर से एक-एक हजार रूपए डाले जाएंगे। अक्टूबर माह से बहनों को प्रतिमाह 1250 रूपए उपलब्ध कराए जाएंगे। इस राशि को क्रमबद्ध रूप से तीन हजार रूपए तक बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बहनों को स्व-सहायता समूहों से जुड़ने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि बहनों द्वारा किए जा रहे कार्यों का दायरा लगातार बढ़ रहा है। अब प्रदेश में टोल नाकों का संचालन भी बहनें कर रही हैं और इसके संचालन से होने वाली आय का 30 प्रतिशत बहनों को दिया जा रहा है। बहनों को राशि उपलब्ध कराने के साथ ही किसानों को भी प्रधानमंत्री श्री मोदी और राज्य सरकार द्वारा राशि उपलब्ध कराई जा रही है। पिछली सरकार द्वारा कई जन-कल्याणकारी योजनाएँ बंद कर दी गई थीं। केन और बेतवा नदियों को जोड़ने की दिशा में कार्य जारी है। इस परियोजना से बुंदेलखंड के हर खेत को पानी मिलेगा।
स्मारकों का संरक्षण
श्रीराम के बाल स्वरूप एवं राजा राम के दरबार के वर्णन सहित गलियारे एवं प्रांगण का विकास 6 करोड़ 25 लाख की लागत से होगा और 20 करोड़ की लागत से श्रीराम राजा मंदिर पुरातत्व महत्व के भवनों का संरक्षण किया जायेगा। इसमें श्रीराम राजा मंदिर, श्री पाताल हनुमान मंदिर, श्रीजानकी माता के मंदिर परिसरों में जरूरी कार्य होंगे और 9 करोड़ की लागत से प्रकाश व्यवस्था और 4 करोड़ 75 लाख की लागत से जन-सुविधाओं का विकास कार्य होगा।
श्री राम राजा लोक में बाल काण्ड प्रांगण श्री राम की बाल लीलाओं के दर्शन होंगे। उत्तर काण्ड को चित्र प्रस्तुतियों से प्रदर्शित किया जायेगा। श्री राम भगवान के राजा के रूप में कथाओं के माध्यम से प्रदर्शित किया जायेगा। श्री रामराजा लोक में जनसमूह प्रबंधन तथा सार्वजनिक सुविधाओं के विकास के साथ स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के सामने के चौक को शॉपिंग प्लाजा की तरह विकसित करते हुए व्यवस्थित दुकानों का निर्माण किया जायेगा।
पर्यटकों को मिलेंगी सुविधाएँ
ओरछा के महत्वपूर्ण स्मारकों के संरक्षण तथा आसपास पर्यटकों के लिए सुविधाओं के विकास के लिए 19 करोड़ 72 लाख रूपये स्वीकृत किये गये हैं। इसमें तुलसी घाट का विकास-बोट क्लब, चेंजिंग रूम, लॉकर, जन-सुविधाएँ पर 1.05 करोड़, ’स्मारकों के समीप आंतरिक मार्ग एवं पाथवे तथा किले के चारों और पैदल पथ, जन-सुविधाएँ, साइनेज तथा घाट के समीप बोट क्लब 4.07 करोड़ की लागत से, किला काम्प्लेक्स के समीप सौन्दर्यीकरण’ पर 1.50 करोड़ की लागत से, स्मारकों के समीप लाइटिंग आदिपर 5 करोड़ 75 लाख, चतुर्भुज मंदिर के समीप इन्टरप्रेटेशन सेन्टर पर एक करोड़, कंचना घाट/छतरियों के समीप घाट उन्नयन, जन-सुविधाएँ, साइनेज फूड स्टाल तथा क्राफ्ट बाजार के विकास पर 1 करोड़ 40 लाख, लक्ष्मी मंदिर के समीप जन-सुविधाओं, साइनेज तथा इन्टरप्रटेशन सेन्टर का विकास पर एक करोड़ तथा अन्य कार्यों पर 3 करोड़ 95 लाख रुपए व्यय होंगे।
स्वीकृत राशि से 70 एकड़ के क्षेत्रफल में फैले स्मारकों के संरक्षण, चतुर्भुज मंदिर, लक्ष्मी मंदिर, छतरियों, तुलसी घाट के आसपास स्मारकों का पुनर्निर्माण कर जन-सुविधाएँ कर उपयोगी बनाना तथा आंतरिक पहुँच मार्ग, लाइटिंग, इन्टरप्रेटेशन सेंटर के कार्य एवं कंचना घाट के उन्नयन तथा आसपास पर्यटकों की सुविधा तथा स्थानीय जनों के रोजगार में वृद्धि के लिए फूड मार्केट, क्राफ्ट बाजार का विकास होगा। श्री रामराजा मंदिर के अतिरिक्त बुन्देला शासकों द्वारा स्थापित स्मारक के सरंक्षण के लिए राज्य पुरातत्व बजट से लगभग 7 करोड़ 50 लाख की स्वीकृति दी गई है।