लगभग 4.7 प्रतिशत की वार्षिक बिजली मांग में वृद्धि के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। विशेष रूप से देश में अप्रैल से नवंबर 2023 तक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बिजली उत्पादन में 7.71 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
अप्रैल-नवंबर 23 के दौरान कोयला आधारित बिजली उत्पादन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 11.19 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिसका कारण तापमान में अभूतपूर्व वृद्धि, देश के उत्तरी क्षेत्र में मानसून में देरी और कोविड के बाद पूर्ण वाणिज्यिक गतिविधियों का फिर से शुरू होना रहा।
नवंबर 2023 तक घरेलू कोयला आधारित बिजली उत्पादन 779.1 बिलियन यूनिट (बीयू) तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में उत्पन्न 718.83 बिलियन यूनिट (बीयू) से 8.38 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
बिजली की बढ़ती मांग के फलस्वरूप सम्मिश्रण के लिए कोयले का आयात नवंबर, 2023 तक पिछले वर्ष की इसी अवधि में 27.21 मीट्रिक टन से 44.28 प्रतिशत कम होकर 15.16 (एमटी) हो गया है। यह कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता और समग्र कोयला आयात को कम करने के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सरकार कोयला उत्पादन को और बढ़ाने के अपने प्रयासों में लगी हुई है, जिसका लक्ष्य उपलब्धता बढ़ाना और आयातित कोयले पर निर्भरता कम करना है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार सुरक्षित रह सके।