कोरोना काल में मंद पड़ी अर्थव्यवस्था देखते हुए सरकार के खर्च को कम करने के उद्देश्य से केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस साल सरकारी डायरी और कैलेंडर का प्रकाशन नहीं करने का निर्णय लिया गया है।
केंद्र सरकार का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों, जिसमें दुनिया उत्पादकता के लिए बड़ी तेजी से डिजिटल साधनों को अपनाने की ओर बढ़ रही है, को देखते हुए भारत सरकार ने इस सर्वोत्तम कार्य प्रणाली को व्यवहार में लाने का फैसला लिया है।
किसी भी मंत्रालय, विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों व सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सरकार के अन्य सभी अंगों द्वारा आने वाले वर्ष में उपयोग के लिए दीवार कैलेंडर, डेस्कटॉप कैलेंडर, डायरी और ऐसी अन्य सामग्री की प्रिंटिंग नहीं की जाएगी। ऐसी सभी गतिविधियां डिजिटल और ऑनलाइन होंगी।
खर्च कम करने के लिए सभी कैलेंडर, डायरी, शेड्यूलर और इसी तरह की अन्य सामग्री, जो पहले भौतिक प्रारूप में छापी जाती थी, को अब डिजिटल रूप में तैयार किया जाएगा। कॉफी टेबल पुस्तकों के प्रकाशन को भी रोक दिया जाएगा और ई-पुस्तकों के उचित उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।
सभी मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों व सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सरकार के अन्य सभी अंगों को इसके लिए डिजिटल या ऑनलाइन तरीकों का उपयोग करने के लिए अभिनव साधनों को अपनाना है। अभिनव डिजिटल और ऑनलाइन समाधान जो भौतिक कैलेंडर या डायरी के जैसे ही परिणाम देंगे, को प्राथमिकता दी जानी है और इन्हें व्यवहार में लाना है।