Friday, December 6, 2024
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माघ मेला: भीषण ठण्ड के बावजूद पौष पूर्णिमा पर उमड़ी भीड़, कल्पवास शुरू

प्रयागराज (हि.स.)। पौष पूर्णिमा के साथ ही संगम की रेती पर चल रहे माघ मेले की शुरूआत आज से हो गई। लोगों का कल्पवास शुरू हो गया जो 24 फरवरी को माघी पूर्णिमा तक चलेगा। वहीं कुछ ऐसे श्रद्धालु हैं जिनका आगमन मकर संक्रान्ति पर होता है। आज गुरूवार को पौष पूर्णिमा पर्व पर भीषण ठण्ड के बावजूद पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ आने का सिलसिला जारी है।

संगम की रेती पर स्नान के साथ ही जगह-जगह चाय नाश्ता एवं भण्डारा शुरू हो गया। जहां लोग स्नान के बाद प्रसाद भी ग्रहण कर रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्नानार्थी मेला क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर चल रहे ओम नमः शिवाय, ओल्ड जीटी रोड स्थित चरखी दादरी आश्रम हरियाणा आदि स्थानों पर भण्डारे का प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। यह अन्नक्षेत्र माघी पूर्णिमा तक मेला क्षेत्र में दिन रात चलता रहेगा।

ओम नमः शिवाय के गुरुदेव का कहना है कि उनका संकल्प है कि माघ मेला, कुम्भ मेला और अर्ध कुम्भ मेला में स्नान करने जो भी तीर्थराज प्रयाग में आए वह बिना खाए घर वापस न जाने पाये। चरखी दादरी आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज ने बताया कि शिविर में प्रतिदिन सुबह 5 बजे से चाय नाश्ते के वितरण के साथ कार्यक्रम शुरु होता है। देर रात तक बड़ी संख्या में लोग खाना खाते हैं। उन्होंने बताया कि शिविर में चाय, नाश्ता, खाना, रामलीला और रासलीला माघी पूर्णिमा तक चलता रहेगा।

कल्पवास से मिलती है आत्मिक शांति: ब्रह्माश्रम महाराज

हरियाणा चरखी दादरी आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज का कहना है कि वह विश्व शांति और चतुर्दिक उन्नति के लिए कल्पवास करते हैं। इससे जहां उन्हें आत्मिक शान्ति मिलती है वहीं आत्मा और शरीर को दैवीय शक्ति भी मिलती है। इसलिए अधिक से अधिक लोगों को चाहिए कि वह एक माह तक प्रयाग में आकर कल्पवास जरूर करें। यहां आने से आत्मिक शान्ति की अनुभूति और दैवीय शक्ति की प्राप्ति होती है।

बता दें कि इसके बाद 9 फरवरी को मौनी अमावस्या और 14 फरवरी को बसंत पंचमी तथा 24 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 8 मार्च को महाशिवरात्रि का स्नान होगा। इस बार मेला क्षेत्र 786 हेक्टेयर में बसाया गया है। जिसे तीन जोन में बांटा गया है। सात सर्किल और 14 थानों के साथ 41 चौकियां स्थापित की गयी हैं। सुरक्षा के कड़े प्रबंधन किये गये हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार यह माघ मेला आगामी महाकुम्भ मेले का ट्रायल होगा।

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