देश के 72 ताप विद्युत गृहों पर बंद होने के खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि इन ताप विद्युत गृहों के पास महज तीन दिन का ही कोयला बचा हुआ है। जिससे बिजली का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होने की संभावना है और इस कारण देश में अंधेरा छा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय और अन्य सरकारी एजेंसियों की ओर से उपलब्ध कराए गए कोयले के आंकड़ों का आंकलन के बाद विद्युत जानकारों का कहना है कि देश के कुल 135 ताप विद्युत गृहों में से 72 ताप विद्युत गृहों के पास महज 3 दिनों का ही कोयला बचा है। ऐसे में सिर्फ 3 दिन ही बिजली बनाई जा सकती है। अगर 72 ताप विद्युत गृह कोयले की कमी से बंद होते हैं, तो बिजली का उत्पादन करीब 33 प्रतिशत घट जाएगा। इससे देश में ब्लैक आउट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार इन सभी 135 ताप विद्युत गृहों में देश की बिजली की कुल खपत का 66.35 प्रतिशत विद्युत उत्पादन किया जाता है। वहीं अगस्त-सितंबर 2021 में बिजली की खपत बढ़कर 14,420 करोड़ यूनिट हो गई है।
मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि देश के बाकी 50 ताप विद्युत गृहों में से चार पावर प्लांट के पास 10 दिन और 13 विद्युत गृहों के पास सिर्फ 10 से 15 दिनों के उपयोग का ही कोयला बचा हुआ है। वहीं केंद्र सरकार ने कोयले के भंडारण की समीक्षा के लिए कोयला मंत्रालय के नेतृत्व में समिति बनाई है, जो इसकी निगरानी कर रही हैं।