आइजोल (हि.स.)। राजधानी आइजोल के पास मेल्थम और ह्लिमेन सीमा क्षेत्रों में पत्थर की खदानों और अन्य स्थानों पर भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है। बुधवार दोपहर एक बजे तक मेल्थम पत्थर खदान के मलबे से 15 शव बरामद किये गये। गड्ढे के मलबे में आठ और शव दबे होने की संभावना है।
विनाशकारी चक्रवात रेमल के प्रभाव के कारण मिजोरम में कई भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। इनमें से, मेल्थम पत्थर खदान ढहने से सबसे अधिक क्षति हुई। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीएमए, पैरा आर्मी और कुछ स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों के स्वयंसेवकों ने कल शाम को अंधेरा होने के बाद अभियान रोक दिया था। पत्थर खदान के मलबे से शवों को निकालने के लिए बुधवार सुबह फिर से अभियान शुरू किया। यहां से 14 वर्षीय ग्लोरिया एमएस डौंगलियानी का शव दोपहर करीब 1 बजे बरामद किया गया। इसके साथ बरामद शवों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। माना जा रहा है कि अभी भी आठ से नौ शव मलबे के नीचे हैं।
आइजोल की जिला मजिस्ट्रेट नजुक कुमार ने बताया कि अब तक बरामद शवों की पहचान पुलाल दुहथलांगा (66), पाई बेबी जोरेम्सियामी (36), एबेल लालमलसाओमा (4), डोरोथी लालरुआत्किमी (20), थांग्ट्लुआंगा (47), लालरेमत्लुआंगा (32), लालदुहूमी (34), लालहोलिम्पुई (6), लालनुनसियामी (45), म्वांजोवा (55) और ग्लोरिया एमएस डोंगलियानी (14) के रूप में की गई है। इसके अलावा मृत प्रवासियों में बिटू मंजीत, संजय राय, दीप मांजी और गुमेश्वर चौधरी की पहचान की गई है। अभी तक लालथाकिमा (42), लालवेनहिमा (6 महीने) और डेबोरा लालाओमी (12) सहित पांच अन्य गैर-मिज़ो के शव बरामद नहीं किए गए हैं।
जिलाधिकारी नजुक ने बताया कि सेलम इलाके में हुए भूस्खलन में मेल्थम और ह्लिमेन के अलावा एक परिवार के मुखिया, उनकी पत्नी और बेटी समेत तीन लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा फाल्कन, कानन, कुलिकुन और आईटीआई इलाकों में भूस्खलन से कई लोगों की मौत हो गई। भूस्खलन के कारण कानन इलाके में 51 कब्रिस्तान नष्ट हो गए। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीएमए, अर्ध सैनिक बल और यंग मिजो एसोसिएशन सहित कई स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों के स्वयंसेवक बचाव अभियान चला रहे हैं।
नजुक कुमार ने कहा कि कल दोपहर मुख्यमंत्री पी लालदुहोमा ने आपदा प्रबंधन और पुनर्वास मंत्री पीके सपडांगा, कुछ मंत्रियों, विधायकों और राज्य के गृह विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ आइजोल में दो सबसे खराब आपदा स्थलों का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों की मदद के लिए आपदा न्यूनीकरण कोष से 15 करोड़ रुपये मंजूर करने की घोषणा की। आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को एकमुश्त राहत के रूप में चार लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। आठ पीड़ितों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की एकमुश्त सहायता की पहली किश्त सौंप दी गई। उन्होंने कहा कि शेष दो लाख रुपये अंतिम रिपोर्ट के बाद वितरित किये जायेंगे।