रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में चीन के हांगझोऊ में संपन्न हुए 19वें एशियाई खेलों में भाग लेने वाले सशस्त्र बलों के पदक विजेताओं, प्रतिभागियों और सहायक कर्मचारियों को आज 17 अक्टूबर को सम्मानित किया।
रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित हुए सम्मान समारोह में भाग लेने वाले कुल 76 खिलाड़ियों एवं कर्मचारियों के साथ बातचीत की और उन्हें खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए बधाई दी।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करते हुए सशस्त्र बल के उन कर्मियों को नकद धनराशि पुरस्कार देने की घोषणा की है, जिन्होंने 19वें एशियाई खेलों में 16 व्यक्तिगत पदक (3 स्वर्ण, 6 रजत और 7 कांस्य पदक) तथा आठ टीम पदक (2 स्वर्ण, 3 रजत व 3 कांस्य पदक) हासिल करके देश का गौरव बढ़ाया है और एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में अपनी योग्यता साबित की है।
रक्षा मंत्रालय के सौजन्य से स्वर्ण पदक विजेताओं को 25 लाख रुपये; रजत पदक पाने वालों 15 लाख रुपये और कांस्य पदक जीतने वालों को 10 लाख रुपये की धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाएगी। 23 सितंबर से 08 अक्टूबर, 2023 तक आयोजित हुए 19वें एशियाई खेलों में तीन महिला एथलीटों सहित 88 सैनिकों की एक टुकड़ी ने 18 विभिन्न खेल स्पर्धाओं में भाग लिया था।
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान सभी एथलीटों के प्रयासों की सराहना की, जिनमें वे खिलाड़ी भी शामिल थे जिन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन पदक नहीं प्राप्त कर सके।राजनाथ सिंह ने विश्वास जताते हुए कहा कि ये पदक एवं प्रदर्शन देश के सभी युवाओं को खेलों के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित करेंगे।
उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि आप केवल एक तमगे का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं, बल्कि आप भारतीय समाज की उत्कृष्टता की गाथा का भी उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि आप सभी युवाओं को प्रेरणा देने का एक बड़ा माध्यम हैं।
रक्षा मंत्री ने विभिन्न खेल आयोजनों में हमेशा से पदक जीतने और विजेता बनने के लिए सशस्त्र बलों के जवानों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि चाहे युद्ध का मैदान हो या फिर खेल का मैदान, एक सैनिक हमेशा ही समर्पण, अनुशासन, कड़ी मेहनत तथा देश के लिए कुछ करने की इच्छाशक्ति के कारण शानदार प्रदर्शन करता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि ये सभी गुण हमें खेल स्पर्धाओं में पदक हासिल करने में सहायता पंहुचाते हैं। उन्होंने कहा कि एक सैनिक के भीतर एक खिलाड़ी होता है और एक खिलाड़ी के भीतर एक सैनिक छिपा हुआ होता है।
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारतीय एथलीटों का प्रदर्शन विश्व पटल पर तेजी से बढ़ते और शक्तिशाली ‘नये भारत’ की उभरती हुई छवि को दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट किया, कई अध्ययनों से ऐसा भी पता चलता है कि किसी भी देश के खेलों में प्रगति कमोबेश उस देश की आर्थिक समृद्धि के समानुपाती होती है। इसी संदर्भ में, जैसे-जैसे भारत आर्थिक रूप से सशक्त राष्ट्र बन रहा है, वैसे-वैसे हमारे पदक भी हर क्षेत्र में बढ़ते ही जा रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी सरकार भारत में खेल संस्कृति विकसित करने के उद्देश्य के साथ अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि एक तरफ जहां हमने फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे अभियानों के जरिए युवाओं के बीच खेल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए काम किया है; वहीं दूसरी तरफ, टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम के माध्यम से हम ओलंपिक में भारत की पदक संख्या बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज, हमारा देश 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए प्रयास कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे देश के एथलीट सरकार के सहयोग से अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण तथा जुनून के साथ आने वाले समय में भारत को पदक तालिका में शीर्ष पर पहुंचा देंगे।
सम्मान समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह तथा संबंधित सेवाओं के खेल नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।