सरकार के आदेश के बावजूद बिजली आउटसोर्स कर्मियों को जोखिम भत्ता नहीं मिल रहा है। वहीं MPEBTKS से चर्चा के बाद अब अधिकारी जोखिम भत्ते के साथ ही साप्ताहिक अवकाश देने की बात कह रहे हैं। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों के द्वारा विगत दिनों जबलपुर सिटी सर्किल के उत्तर शहर संभाग के कार्यपालन अभियंता विकास सिंह से तकनीकी कर्मचारियों की लंबित समस्याओं को लेकर चर्चा की गई।
तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक के दौरान तकनीकी कर्मचारियों की लंबित मांगों जैसे सुरक्षा उपकरण का अभाव, अवकाश के दिन कार्य पर बुलाना, उसके बाद अवकाश न देना, हर दिन कर्मचारियों से मीटिंग लेना, राजस्व वसूली के अलावा अन्य कार्य लेना, विद्युत कंपनी का मोबाइल कर्मचारियों को न देकर, कर्मचारी के निजी मोबाइल से उपभोक्ताओं को करवाना, जिसके कारण कर्मचारी एवं उपभोक्ताओं के बीच विवाद की स्थिति बनती है, सब-स्टेशन में फर्स्टएड बॉक्स का ना होना एवं सब-स्टेशन में फर्नीचर का अभाव आदि पर चर्चा की गई।
कार्यपालन अभियंता विकास सिंह ने संघ को अवगत कराया कि सुरक्षा उपकरण की जो भी कमी है, उसे शीघ्र पूरा किया जावेगा। कर्मचारियों को अवकाश दिया जावेगा। अधिकारी हर महीने कर्मचारियों के सुरक्षा उपकरण चेक करेंगे कि कर्मचारी के पास कौन से सुरक्षा उपकरण की कमी है।
संघ के द्वारा पूछने पर उन्होंने बताया कि दिनों दिन तकनीकी कर्मचारियों की कमी खलती जा रही है। हमारे संभाग में 83000 उपभोक्ता हैं। 1200 ट्रांसफार्मर हैं। 12 सब-स्टेशन हैं। 13 फीडर है। इन सभी की विद्युत व्यवस्था को संचालित करने के लिए केवल नियमित 70 कर्मचारी हैं, बाकी 187 आउटसोर्स कर्मचारी हैं, जिनको करंट का कार्य करने का अधिकार नहीं है। आउटसोर्स कर्मियों को ₹1000 जोखिम भत्ता दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर संघ के राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, मोहन दुबे, लाखन सिंह ठाकुर, इंद्रपाल सिंह, अरुण मालवीय आदि उपस्थित रहे।