केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन जैसे साझेदारों के साथ मिलकर बच्चों को निमोनिया से बचाव के लिये विकसित की गई देश की पहली न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन न्यूमोसिल लांच की।
इस अवसर पर डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि दुनिया में हर तीसरे बच्चे का टीकाकरण एसआईआई द्वारा तैयार टीका देकर किया जाता है। उन्होंने कहा कि एसआईआईपीएल ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान पहला स्वदेशी न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन विकसित किया और सरकार से इसका लाइसेंस प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि दुनिया में 5 साल से कम उम्र के सबसे अधिक बच्चे निमोनिया से मरते हैं। इन बच्चों में 20 प्रतिशत बच्चे भारत के होते हैं। अभी तक हम इस वैक्सनी के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं व विदेशों पर निर्भर थे। लेकिन अब पूरी तरह से सुरक्षित और डब्ल्यूएचओ से प्रमाणित यह वैक्सीन देश में ही उपलब्ध हो गई है। इस वैक्सीन का लाभ न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के बच्चों को भी मिलेगा।