रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के तट पर समुद्र आधारित एंडो-ऐटमौसफेयरिक बीएमडी इंटरसेप्टर की पहली उड़ान परीक्षण का सफलतापूर्वक संचालन किया। परीक्षण का उद्देश्य दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइल खतरे के प्रभाव को लक्षित करना और नष्ट करना था। यह भारतीय नौसेना को बीएमडी क्षमताओं वाले देशों के विशिष्ट समूह में स्थान दिला सकता है।
इससे पहले, डीआरडीओ ने सतह आधारित बीएमडी प्रणाली की क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया था और इस तरह दुश्मन की तरफ से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइल के खतरों को बेअसर करने की क्षमता हासिल की थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जहाज आधारित बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा क्षमताओं के सफल प्रदर्शन में शामिल डीआरडीओ, भारतीय नौसेना एवं उद्योग को बधाई दी। डीडीआरएंडडी के सचिव एवं डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने मिसाइल की डिजाइन और विकास में शामिल टीमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश ने बेहद जटिल नेटवर्क केंद्रित बैलिस्टिक मिसाइल रोधी प्रणाली का विकास करने में आत्म निर्भरता हासिल की है।