Tuesday, November 5, 2024
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सरकार और विद्युत कंपनी प्रबंधन की अनदेखी से बिजली कर्मियों में बढ़ रहा आक्रोश, हो रहे आंदोलित

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि संघ की बैठक में पदाधिकारियों ने आक्रोश जताते हुए कहा है कि संघ प्रतिनिधियों द्वारा सरकार एवं मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती कंपनियों के प्रबंधनों से कई बार चर्चा कर एवं अनेक पत्र लिखकर सभी कंपनियों में कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों का 20 लाख का जीवन बीमा एवं कैशलेस स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दिए जाने की मांग की गई है।

संघ द्वारा कंपनी प्रबंधन को जीवन बीमा एवं कैशलेस स्वास्थ्य बीमा की किस्त का आधा पैसा कर्मचारियों के वेतन से काटे जाने एवं शेष कंपनी द्वारा दिए जाने जैसे अनेक अनेक सुझाव भी दिए गए। लेकिन लगभग 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों के प्रति शासन एवं कंपनी प्रबंधन की मंशा पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है? सरकार और विद्युत कंपनी प्रबंधन की अनदेखी से बिजली कर्मियों में आक्रोश बढ़ रहा है और वे फिर आंदोलन की राह पर जा सकते हैं।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि मध्य प्रदेश के सभी जिलों की विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मचारी चलाएमान रखे हुए हैं, किंतु उनकी ओर ध्यान तक नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश में रोजाना ही कहीं ना कहीं कोई कर्मचारी करंट से मौत के मुंह में जा रहा है या दिव्यांग हो रहा है। छोटे-मोटे हादसों की तो गिनती ही नहीं है।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि एक तरफ शासन के द्वारा सड़क में चलने वाले मजदूर का भी 5 लाख के कैशलेस स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दी जा रही है, जो बीमार या घायल होने पर कहीं भी इलाज करवा सकता है। वहीं दूसरी ओर बिजली कंपनियों के कर्मचारियों की स्थिति उससे भी ज्यादा दयनीय बनी हुई है, जबकि विद्युत मंडल की कंपनियों को आईएएस अधिकारी चला रहे हैं जो सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे होते हैं।

संघ के राम समझ यादव, शंभू नाथ सिंह, रमेश रजक, एसके मौर्य, केएन लोखंडे, एसके शाक्य, जीके कोस्टा, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, मोहन दुबे, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, इंद्रपाल सिंह, पीएन मिश्रा, अरुण मालवीय, विपतलाल विश्वकर्मा, संदीप यादव, पवन यादव, शंकर यादव, असलम खान, रतिपाल यादव, राजेश काले, शिव राजपूत, मुकेश पटेल, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, अमीन अंसारी आदि ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि विद्युत कंपनियों में कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों का 20 लाख का बीमा एवं कैशलेस उपचार की सुविधा जाए।

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