आला अधिकारी के आमंत्रण पर मैदानी बिजली कर्मियों की लंबित मांगों और समस्याओं पर चर्चा के लिए पहुंचे मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने पुरजोर तरीके से अपनी बात रखी। संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जबलपुर रीजन के मुख्य अभियंता केएल वर्मा द्वारा बिजली कर्मियों की लंबित समस्याओं पर चर्चा करने हेतु आमंत्रित किया गया था।
जबलपुर रीजन स्तर पर संघ के आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए। संघ द्वारा मुख्य अभियंता से जानकारी ली गई कि आपके द्वारा पूरे रीजन के कर्मचारियों के ऊपर व्याप्त डर और दहशत का माहौल बनाया जा रहा है। माह में एक बार कर्मचारियों से गूगल मीट पर मीटिंग लेना, उसके बाद अधीक्षण अभियंता द्वारा मीटिंग लेना, फिर हर दिन कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता द्वारा आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मचारियों से गूगल मीट पर मीटिंग लेकर राजस्व वसूली को लेकर दबाव बनाया जाता है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जब कर्मचारियों को सुबह राजस्व वसूली की लिस्ट दी जाती है और शाम को संबंधित अधिकारी को पूरे दिन की जानकारी दी जाती है तो गूगल मीट पर बार-बार मीटिंग लेने का क्या औचित्य है। इस पर मुख्य अभियंता का कहना है कि मैं महीने में एक बार गूगल मीट पर लाइन कर्मियों की सिर्फ एक घंटे की मीटिंग लेता हूं। मेरे द्वारा किसी भी लाइन कर्मी के ऊपर कोई भी कार्यवाही आज तक नहीं की गई है। किसी को डर और भय की जरूरत नहीं है। किसी भी लाइन कर्मी को किसी प्रकार की जरूरत पड़ती है मेरे द्वारा फोन नंबर दिया गया है मेरे से चर्चा कभी भी कर सकते हैं।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि आउटसोर्स कर्मियों को ₹1000 जोखिम भत्ता नहीं दिया जा रहा है। नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों से अवकाश के दिन अधिकारियों के द्वारा बिना आदेश निकाले कार्य कराया जा रहा है, अगर किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? आदेश निकालकर ही उनको कार्य पर बुलाया जावे और अवकाश के दिन कार्य कराने के बाद उनको नियमानुसार दोगुनी दर से वेतन एवं एक्स्ट्रावेजेस नहीं दिया जा रहा है, उसे तत्काल दिया जावे।
परीक्षण सहायकों को सबस्टेशन के लिए भर्ती किया गया है, उनसे वही कार्य कराया जावे। सब स्टेशन में विद्युत ऑपरेशन करते समय, साथ में एक हेल्पर होना चाहिए। सब स्टेशन में विद्युत ऑपरेशन करते समय रात को टॉर्च दिखाने वाले सहयोगी, ऑपरेटिंग रॉड, सुरक्षा उपकरण के बिना दुर्घटना आदि हो सकती है। अगर दो लोग होंगे तो उसे सहयोग मिल सकता है और दुर्घटना होने से बचाया जा सकता है। यह बात भोपाल के विद्युत सुरक्षा अधिकारी ने भी पत्र देकर यह माना है की सब स्टेशन में दो लोग होना चाहिए।
जबलपुर रीजन में सुरक्षा उपकरण जैसे हैंड ग्लव्स, बांस की सीढ़ी, झूला, हेलमेट, प्लास्क आदि पर्याप्त मात्रा में नहीं है। उपभोक्ताओं की लाइन काटने के लिए तीन लोगों की जरूरत पड़ती है, आपके अधिकारियों के द्वारा एक कर्मचारी को भेज दिया जाता है, जो कि गलत है। एक्सीडेंट होने पर अधिकारी लोग हमेशा अपना बचाव करके बच जाते हैं। लाइन कर्मियों को दिए गए लाल हैंड ग्लब्स से कर्मचारी को हाथ में पहनकर कार्य करते नहीं बनता है, उसकी जानकारी भी मुख्य अभियंता को दी गई।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में 10 बिंदुओं पर चर्चा की गई। उन्होंने मांग की है कि नियमित कर्मचारियों को वर्दी खरीदने के लिए 3595 रुपए दिए जाते हैं, उसी प्रकार से संविदा कर्मचारियों को भी दिए जावे एवं ठेकेदार के द्वारा ठेका कर्मियों को भी वर्दी दी जावे। सभी की चिकित्सा पुस्तिका बनवाई जावे एवं 20 लाख का बीमा एवं कैशलेस चिकित्सा की सुविधा दी जावे।
मुख्य अभियंता के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि आपके द्वारा जो भी मेरे संज्ञान में लाया गया है उसे शीघ्र पूरा किया जावेगा। मुख्य अभियंता के साथ संघ पदाधिकारियों के द्वारा 2 घंटे तक सौहार्दपूर्ण वार्ता की गई, जिसमें उनके द्वारा कहा गया कि संघ को और मजबूत किया जावे।
बैठक में पूर्व क्षेत्र कंपनी की ओर से एनए कुरैशी अधीक्षण अभियंता, कुमारी अंजली परते सहायक प्रबंधक और संघ की ओर से हरेंद्र श्रीवास्तव, केएन लोखंडे, संजय दुबे, राजेश बिसेन, संतोष, शशि उपाध्याय, विपत लाल विश्वकर्मा, राजकुमार सैनी, मोहन दुबे, अजय कश्यप, राजू नायडू, इंद्रपाल सिंह, लखन सिंह, विनोद दास, जेपी त्रिपाठी, सतीश साहू, संदीप शर्मा, गणेश केवट आदि उपस्थित थे।