भारत के पांच राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित 8 समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग प्रमाण पत्र प्रदान किया जाना भारत के लिए एक गौरव का क्षण है।
भारत के तटों को ब्लू फ्लैग प्रमाण पत्र देने का निर्णय एक अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक समिति ने किया है, जिसके प्रतिष्ठित सदस्यों में यूएनईपी, यूएएनडब्ल्यूटीओ, एफईई, आईयूसीएन शामिल हैं।
भारत के शिवराजपुर द्वारका-गुजरात, घोघला दीव, कासरकोड और पादुबिद्री कर्नाटक, कप्पड़ केरल, रुशिकोंडा आंध्र प्रदेश, गोल्डन पुरी-ओडिशा और राधा नगर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के तटों को ब्लू फ्लैग प्रदान किया गया है।
भारत को तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणालियों के तहत अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक समिति द्वारा तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट कर कहा कि यह एक उत्कृष्ट उपलब्धि है।
किसी भी देश को पहले ही प्रयास में 8 समुद्र तटों के लिए कभी भी सम्मानित नहीं किया गया है। यह भारत के संरक्षण और सतत विकास के प्रयासों को वैश्विक मान्यता भी प्रदान करता है।
प्रकाश जावडेकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र का पहला देश है जिसने केवल 2 साल के समय में यह उपलब्धि हासिल की है।
जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमारात-यूएई एकमात्र अन्य एशियाई राष्ट्र हैं, जिन्हें दो समुद्र तटों के लिये ब्लू फ्लैग से सम्मानित किया गया है और वो भी लगभग 5 से 6 वर्ष में।
उन्होंने कहा कि भारत अब 50 ब्लू फ्लैग देशों के समूह में शामिल है और हमें अपने राष्ट्र के लिए इस सम्मान पर गर्व है। अगले पांच वर्षों में हम देश में 100 ऐसे समुद्र तटों के लिये ब्लू फ्लैग सम्मान प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं।
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