ऊर्जा विभाग के अंतर्गत आने वाली बिजली कंपनियां मनमर्जी से चल रही हैं। ऊर्जा विभाग के आदेशों और निर्देशों का पालन भी अपने-अपने अनुसार किया जा रहा है। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि ऊर्जा विभाग के अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती कंपनियों के प्रबंध संचालकों के द्वारा संविदा कर्मियों को अनदेखा किया जा रहा है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के ऊर्जा विभाग के अंतर्गत आने वाली मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी प्रबंधन के द्वारा संविदा कर्मचारियों को मार्च के वेतन में डीए जोड़कर दे दिया गया है, जबकि ऊर्जा विभाग की ही अन्य विद्युत वितरण कंपनियों के प्रबंधन के द्वारा संविदा कर्मचारियों के मार्च के वेतन में महंगाई भत्ता नहीं जोड़ा गया, जिससे उन्हें आर्थिक हानि उठानी पड़ी।
संघ के रमेश रजक, एसके मौर्य, जेके कोस्टा, एसके शाक्य, शशि उपाध्याय, ख्यालीराम, महेश पटेल, दशरथ शर्मा, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, मोहन दुबे, विनोद दास, लखन सिंह राजपूत, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, संदीप यादव, मदन पटेल, पीएन मिश्रा आदि ने विद्युत वितरण कंपनियों के प्रबंधन से मांग की है कि जिस तरह से ट्रांसमिशन कंपनी प्रबंधन के द्वारा संविदा कर्मचारियों को डीए प्रदान किया गया है, उसी प्रकार से विद्युत वितरण कंपनियों के संविदा कर्मचारियों को भी डीए का भुगतान शीघ्र किया जाए।