नई दिल्ली (हि.स.)। हॉकी इंडिया की लंबे समय से कार्यरत सीईओ एलेना नॉर्मन ने लगभग 13 वर्षों तक पद पर रहने के बाद मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। शीर्ष पद पर उनके कार्यकाल के दौरान, भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने करियर की सर्वश्रेष्ठ विश्व रैंकिंग के साथ ही टोक्यो ओलंपिक खेलों में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जहां भारतीय पुरुषों ने 41 साल के लंबे पदक के सूखे को समाप्त करते हुए कांस्य पदक जीता, जबकि महिलाएँ अभूतपूर्व चौथे स्थान पर रहीं।
उनके नेतृत्व में, फेडरेशन ने 2018 और 2023 में एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप के लगातार दो संस्करणों की मेजबानी की, 2016 और 2021 में दो एफआईएच जूनियर पुरुष विश्व कप की मेजबानी की और हॉकी इंडिया लीग के पांच संस्करणों की भी सफलतापूर्वक मेजबानी की, जो एक फ्रेंचाइजी-आधारित लीग है जिसने लोकप्रियता हासिल की साथ ही युवाओं को कुछ सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक हॉकी सितारों के साथ कंधे से कंधा मिलाने का मौका मिलने के साथ भारतीय पुरुष हॉकी टीम के प्रदर्शन में भी सुधार आया ।
हॉकी इंडिया ने उनके कार्यकाल में, एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी, 2015 और 2017 में एफआईएच वर्ल्ड लीग फाइनल, 2019 और 2024 में एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर के साथ-साथ एफआईएच हॉकी प्रो लीग घरेलू खेलों सहित कई अंतरराष्ट्रीय हॉकी कार्यक्रमों की मेजबानी की।
एलेना महिला हॉकी को सुर्खियों में लाने में भी सबसे आगे थीं, उन्हें पुरुष हॉकी टीम के समान सुविधाएं प्रदान की गईं, जिसमें हॉकी इंडिया वार्षिक पुरस्कारों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन को मान्यता देने वाले नकद पुरस्कार भी शामिल थे।
उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली महिला टीम की सफलता में विशेष रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी क्योंकि टीम ने पहली बार क्वालीफाई किया और 36 वर्षों के बाद ओलंपिक में भाग लिया।
टीम ने 2019 में भुवनेश्वर में आयोजित ओलंपिक क्वालीफायर के माध्यम से लगातार ओलंपिक कोटा भी हासिल किया।
सीईओ ने हॉकी इंडिया कोच एजुकेशन पाथवे के लॉन्च का भी नेतृत्व किया, जिसने घरेलू कोचों को भारतीय तकनीकी और मैच अधिकारियों के लिए विभिन्न पहलों के साथ-साथ कोचिंग प्रथाओं के वैश्विक मानकों से सुसज्जित किया।
उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए हॉकी इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. दिलीप टिर्की ने कहा, “मैं एलेना के समय और समर्पण के लिए आभार व्यक्त करना चाहता हूं। न केवल हॉकी इंडिया के अध्यक्ष के रूप में बल्कि एक पूर्व खिलाड़ी और उत्साही हॉकी प्रेमी के रूप में भी, मैं पिछले 12-13 वर्षों में उनके उल्लेखनीय योगदान को औपचारिक रूप से स्वीकार करता हूं और अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। उनके समर्पण और प्रयासों ने हॉकी इंडिया और भारतीय हॉकी को आज जिस सराहनीय स्थिति में पहुंचाया है, उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं उनकी महान सफलता की कामना करता हूं और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”