श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के न्यासी बोर्ड ने कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा योजना 1976 के तहत दी जाने वाली अधिकतम बीमा राशि 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी है। ईपीएफओ के अनुसार पहले न्यूनतम 2.5 लाख रुपये और अधिकतम 6 लाख रुपये की बीमा राशि का प्रावधान था।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता वाले ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने नौ सितंबर, 2020 को आयोजित बैठक में ईडीएलआई योजना के तहत अधिकतम बीमा राशि बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने का निर्णय किया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 15 फरवरी, 2018 को एक अधिसूचना के जरिये ईडीएलआई के तहत न्यूनतम बीमा राशि बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी थी। यह वृद्धि दो साल के लिए की गयी थी। इसकी अवधि 14 फरवरी 2020 को समाप्त हो गयी थी।
वहीं सात लाख रुपये की यह अधिकतम सीमा अधिसूचना जारी होने के दिन से लागू होगी और न्यूनतम 2.5 लाख रुपये की समयसीमा 14 फरवरी 2020 को खत्म हो गई थी, जिसे आगे बढ़ा दिया गया है और इसे अगले दिन यानी 15 फरवरी से लागू माना जाएगा।
इस लाभ को 15 फरवरी से आगे जारी रखने और पूर्व की तिथि से प्रभावी रखने के लिये संशोधन को फिर से अधिसूचित किया गया है। मंत्रालय के अनुसार इससे किसी व्यक्ति का हित प्रभावित नहीं होगा।
इसके अलावा केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने पिछले वर्ष मार्च की बैठक में यह फैसला भी किया था कि अगर कर्मचारी ने मृत्यु के महीने से पहले 12 महीने तक की अवधि में एक से अधिक कंपनियों में काम किया है, तब भी उसके परिवार को ईडीएलआई का लाभ मिलेगा।