नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए लगातार सातवां बजट संसद में पेश कर इतिहास रचने वाली हैं। इस तरह वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड को तोड़ देंगी। क्याेंकि वे एक ही प्रधानमंत्री के साथ उनके तीसरे कार्यकाल में बताैर वित्त मंत्री लगातार सातवीं बार बजट पेश करने जा रही हैं। हालांकि, सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अब भी देसाई के पास ही है, क्याेंकि उन्हाेंने दाे प्रधानमंत्रियाें के कार्यकाल के दाैरान बताैर वित्त मंत्री के रूप में 10 बार बजट पेश किया था।
वित्त मंत्रालय ने रविवार को ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024-25 लोकसभा के पटल पर रखेंगी। सीतारमण अगले महीने 65 साल की हो जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 में केंद्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने पर निर्मला सीतारमण को भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया था।
सीतारमण ने इस साल फरवरी में एक अंतरिम सहित अब तक लगातार छह बजट पेश किए हैं। चालू वित्त वर्ष 2024-25 (एक अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025) का पूर्ण बजट उनका लगातार सातवां बजट होगा। वह मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड से आगे निकल जाएंगी, जिन्होंने वर्ष 1959 से लेकर 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था।
स्वतंत्र भारत में बजट पेश करने से जुड़े कुछ तथ्य
स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट 26 नवंबर, 1947 को देश के पहले वित्त मंत्री रहे आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और फिर प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में बतौर वित्त मंत्री कुल 10 बजट पेश किए हैं।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने नौ बार बजट पेश किया, जबकि प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान आठ बजट पेश किए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्ष 1991 से लेकर 1995 के बीच लगातार पांच बार बजट पेश किया, जब वह पीवी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे। सीतारमण ने एक फरवरी, 2020 को सबसे लंबा बजट भाषण दो घंटे 40 मिनट का दिया। वर्ष 1977 में हीरूभाई मुलजीभाई पटेल का अंतरिम बजट भाषण अब तक का सबसे छोटा भाषण है, जिसमें केवल 800 शब्द हैं।
बजट पारंपरिक रूप से फरवरी के अंतिम तारीख शाम 5 बजे पेश किया जाता था। लेकिन, वर्ष 1999 में समय बदला गया और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया। तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता था। इसके बाद 2017 में बजट पेश करने की तिथि बदलकर एक फरवरी कर दी गई थी, ताकि सरकार मार्च के अंत तक संसदीय अनुमोदन प्रक्रिया पूरी कर सके।