पेरिस (हि.स.)। रूसी किशोरी मीरा एंड्रीवा ने बुधवार को दूसरी वरीयता प्राप्त आर्यना सबालेंका को हराकर फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। इसी के साथ वह 1997 के बाद से सबसे कम उम्र की ग्रैंड स्लैम सेमीफाइनलिस्ट बन गईं हैं। हालांकि मैच के दौरान सबालेंका अस्वस्थ थीं, बावजूद इसके उन्होंने मैच में कड़ी चुनौती पेश की।
17 वर्षीय एंड्रीवा ने सबालेंका के खिलाफ एक सेट से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए दो घंटे 29 मिनट तक चले मुकाबले में 6-7 (5/7), 6-4, 6-4 से जीत दर्ज की और अंतिम चार में जगह बनाई जहां उनका सामना इटली की जैस्मीन पाओलिनी से होगा।
17 वर्ष और 29 दिन की एंड्रीवा, 27 वर्ष पहले यूएस ओपन में मार्टिना हिंगिस के बाद किसी प्रमुख प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली सबसे कम उम्र की महिला हैं। इसके अलावा वह 1997 में हिंगिस के बाद रोलांड गैरोस में पहुंचने वाली सबसे कम उम्र की महिला भी हैं।
मैच जीतने के बाद अपने ऑनकोर्ट साक्षात्कार में एंड्रीवा ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मैं मैच से पहले बहुत घबराई हुई थी, मुझे पता था कि सबालेंका को फायदा होगा।”
इससे पहले एंड्रीवा दो बार सबालेंका से भिड़ी थीं और दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
एंड्रीवा ने कहा,”मैं खेल देखती हूँ, जब भी चाहती हूँ खेलती हूँ, मेरे पास वास्तव में कोई योजना नहीं है। जब मैं कोर्ट पर कोई खाली जगह देखती हूँ तो मैं खेलने की कोशिश करती हूँ, मैं और मेरे कोच के पास हालांकि इस मैच को लेकर एक योजना थी, लेकिन फिर से मुझे कुछ याद नहीं आया। मैं बस वैसा ही खेलने की कोशिश करती हूँ जैसा मैं महसूस करती हूँ।”
मैच में सबालेंका ने कई बार मेडिकल टाइम-आउट के लिए कहा क्योंकि उन्होंने अच्छा महसूस नहीं करने की शिकायत की थी, और अपने पहले स्लैम क्वार्टर फ़ाइनल में खेल रही एंड्रीवा ने अंततः संयमित प्रदर्शन करके इसका फ़ायदा उठाया।
दो बार की ऑस्ट्रेलियन ओपन चैंपियन सबालेंका ने पहले चार राउंड में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन उन्हें स्पष्ट रूप से कठिनाई हो रही थी, क्योंकि मैच के दौरान उनकी सांस फूल रही थी।
वर्तमान में 38वें स्थान पर काबिज एंड्रीवा ने अंतिम आठ में जगह बनाकर पहले ही दुनिया की शीर्ष 30 में जगह बना ली थी, लेकिन अब वह और आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।
टूर्नामेंट की पसंदीदा इगा स्विएटेक दूसरे सेमीफाइनल में यूएस ओपन चैंपियन कोको गॉफ से भिड़ेंगी।
सबालेंका लगातार सातवें स्लैम सेमीफाइनल में जगह बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही थीं और इस साल की शुरुआत में मेलबर्न में अपने दूसरे खिताब के बाद उन्होंने ग्रैंड स्लैम में लगातार 11 मैच जीते थे।