जबलपुर जिला मटर उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहा हैl इसी दिशा में जिले के हमारे मटर उत्पादक किसान भाई बेहतर मटर उत्पादन तकनीक के साथ ही गुणवत्तायुक्त किस्म का उपयोग कैसे करें, इन्हीं सब महत्वपूर्ण उद्देश्य को लेकर जिले के प्रगतिशील कृषक एवं कृषि शिक्षा प्राप्त बृजेश अर्जरिया द्वारा अपने ग्राम पटेरा (निरंदपुर) पनागर विकासखंड में मटर प्रक्षेत्र दिवस का शानदार आयोजन किया गया है।
पेंसिल मटर की बीएल सब्जी मटर 13 एवं 15 का वर्ष 2020 में 5 किलो बीज से शुरुआत की बीएल सब्जी मटर 13 की 11 एकड़ एवं बीएल 15 किस्म का 12 एकड़ में उत्पादन ले रहे हैं। बेहतर गुणवत्ता एवं खूबियों से भरी है बीएल किस्म, जबलपुर जिले के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
पेंसिल मटर की वीएल सब्जी मटर 13 एवं 15 की खूबी
विपरीत मौसम में भी बेहतर उत्पादन देने में सक्षम स्वीटनेस अधिक एक पाली में 8 से 10 दाने ट्रांसपोर्टेशन हेतु अति उपयुक्त, एक्सपोर्ट क्वालिटी की किस्म योगेश बृजेश अर्जरिया के खेत में लगी है। यह किस्म का विपरीत मौसम में भी उत्पादन प्रथम तुड़ाई में हरी फली 35 कुंतल प्रति एकड़ (लगभग 55 बोरी) एवं दो तुड़ाई हेतु उपयुक्त किस्म हैl
भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा, उत्तराखंड के फसल सुधार विभाग ख्यातिलब्थ प्रमुख वैज्ञानिक एवं विभागध्यक्ष डॉ. निर्मल कुमार हेडाऊ अवलोकन करने पहुंचे, साथ में भाकृअनुप अटारी जोन 9 जबलपुर के निदेशक डॉ एसआरके सिंह उपस्थित रहे।
डॉ निर्मल कुमार ने पेंसिल मटर (बीएल सब्जी मटर 13 एवं 15) की भारतीय किस्म का अवलोकन करने के उपरांत नवीनतम किस्म के उत्पादक किसान बृजेश अर्जरिया के इस कृषक हितेषी कार्य हेतु बधाई दी एवं भूरी भूरी प्रशंसा की। समस्त अधिकारी एवं हमारे अन्नदाता कृषकों को बेहतर बीज उत्पादन तकनीक एवं गुणवत्तायुक्त सीड के विषय पर बहुमूल्य जानकारी साझा की।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी जोन 9 के निदेशक डॉ एसआरके सिंह द्वारा अवलोकन किया गया एवं आपने मटर उत्पादक किसानों द्वारा नवीनतम किस्म को अपनाने एवं तकनीकी जानने की उत्सुकता हेतु बधाई दी एवं किसानों के इस बेहतरीन कार्य हेतु सराहना की।
मटर पर किसान संगोष्ठी का आयोजन
देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ निर्मल कुमार हेड़ाऊ द्वारा मटर के बीज उत्पादन हेतु महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की गई। मटर, दलहन तिलहन एवं अन्य खाद्यान फसलों के नवीनतम किस्मों के बीज कैसे तैयार किये जाते है, बारीकी से बताया। शुद्ध बीज की क्वालिटी कैसे विकसित कर सकते हैं, इस बारे में उन्होंने कहा कि भौतिक रूप से शुद्ध बीज ही बेहतर उत्पादन व क्वालिटी सीड तैयार करने का मूल आधार एवं मंत्र है।
ग्राम निरंदपुर (पनागर) के ग्राम पंचायत भवन मे आयोजित किसान संगोष्ठी मे देश के ख्यातिलब्ध प्रमुख वैज्ञानिक डॉ निर्मल कुमार, विभागाध्यक्ष, फसल सुधार विभाग, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद, विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा उत्तराखंड का तिलक, शाल, श्रीफल, प्रशस्ती पत्र, स्मृति चिन्ह, माला, पुष्प गुच्छ तथा हरे मटर से भब्य स्वागत, अभिनंदन किया गया।
किसान संगोष्ठी में अन्य कृषि अधिकारियों ने अपनी बात कही। भारत कृषक समाज के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष इंजीनियर केके अग्रवाल ने कहा की यह आयोजन जबलपुर के किसानों हेतु अति महत्वपूर्ण एवं मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने पैंसिल मटर के बीज उत्पादन हेतु 300 एकड़ में फसल तैयार करवाने की पहल की।
मटर की नवीनतम किस्म
उत्पादक प्रगतिशील किसान बृजेश अर्जरिया ने किसानों हेतु प्रशिक्षण का आयोजन के साथ ही खेतों में कृषकों का भ्रमण कराकर नवीनतम किस्म के प्रति जागरुक करने की बात कही।
जेएनकेवीवी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ शेखर सिंह बघेल ने कहा कि निर्मल मन से किसानों के हित में कार्य की मूल आधार है तो उसे सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने मटर उत्पादक किसानों को तकनीकी जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन इंजी. केके अग्रवाल, बीडी अरजरिया एवं आभार प्रदर्शन डॉ शेखर सिंह बघेल द्धारा किया गया। इस दौरान भारत कृषक समाज के सचिव रूपेंद्र पटेल, वरिष्ठ सदस्य इंजी व्हीके पंड्या, किसान सेवा सेना के डॉ आरएम पटेल, अशोक साहू, जितेंद्र पटेल, सचिन पटेल, हर्वेस शर्मा, कृषि विभाग जबलपुर के उपसंचालक रवि आम्रवंशी, संचालक आत्मा डॉ. एसके निगम, उप संचालक हॉर्टिकल्चर डॉ नेहा पटेल, नाबार्ड के अपूर्व गुप्ता
साथ ही इस अवसर पर कृषि विभाग अधिकारी आर के परोहा, श्रीमति कीर्ति वर्मा, पंकज शर्मा एवं प्रगतिशील कृषक विनोद उपाध्याय, धनेश पुरी, प्रकाश मालपानी, बलदेव होलहनी, श्री पंड्या एवं बड़ी संख्या में प्रगतिशील मटर उत्पादक किसानों की उपस्थिति रही।