जबलपुर रेल मंडल प्रशासन द्वारा 58 गुड्स गार्ड के पदों पर विभागीय कोटे की भर्ती को डेढ़ साल से टाला जा रहा है, जिससे जबलपुर में गुड्स गार्डो का टोटा हो गया है , जिसका खामियाजा पैसेन्जर गार्डो को भुगतना पड़ रहा है
पश्चिम मध्य रेलवे मज़दूर संघ के महामंत्री अशोक शर्मा ने रेल प्रशासन को पत्र लिखकर बताया कि रेल प्रशासन द्वारा नियम विरुद्ध पैसेन्जर गार्डों और लोको पायलट्स से गुड्स ट्रेनों में ड्यूटी करवाई जा रही है, जिससे उनके आत्मसम्मन को ठेस पहुंच रही है।
पमरे जोन के निर्देशों के बावजूद गुड्स गार्ड के पदों को भरने का कार्य कछुआ गति से चल रहा है, जिससे प्वॉइट्समेन, टीएनसी, स्विचमेन, शंटिंग मास्टर, वाणिज्य क्लर्क केबिनमैन, टिकिट कलेक्टर आदि कर्मचारियों को पदोन्नति मिलने में विलम्ब हो रहा है।
संघ प्रवक्ता व कार्यकारी महामंत्री सतीश कुमार ने बताया कि मंडल सचिव डीपी अग्रवाल ने भी पिछले दिनों उक्त समस्या के समाधान हेतु शीघ्र पद भरने तथा चयनित कर्मचारियों को एक सप्ताह का केप्सूल कोर्स करवाकर मालगाड़ी का संचालन करवाया जाने की मांग की थी।
गौरतलब है कि गुड्स गार्ड के खाली पदों की अधिसूचना 26 फरवरी 2019 को जारी हुई थी, जिसकी परीक्षा उपरान्त परिणाम जारी होने के साथ कर्मचारियों का मेडिकल टेस्ट होने उपरान्त भी अब तक नियुक्ति नही मिली है। संघ के महामंत्री ने प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी, प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक से उक्त समस्या के समाधान की मांग की।