देश में जीएसटी राजस्व का संग्रह लगातार आठवें महीने एक लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर गया। मई में 1,02,709 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ, जिसमें से सीजीएसटी 17,592 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 22,653 करोड़ रुपये और आईजीएसटी 53,199 करोड़ रुपये हैं (वस्तुओं के आयात पर वसूली गई 26,002 करोड़ रुपये राशि सहित) और उपकर 9,265 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर वसूली गई 868 करोड़ रुपये की राशि सहित) शामिल हैं।
इस आंकड़े में 4 जून तक घरेलू लेनदेन की माध्यम से जीएसटी की वसूली राशि शामिल है, क्योंकि करदाताओं को कोविड महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर मई-2021 के लिए रिटर्न फाइलिंग में 15 दिनों के लिए देरी से रिटर्न दाखिल करने पर ब्याज में छूट और ब्याज के रूप में विभिन्न राहत उपाय दिए गए थे। इस महीने के दौरान सरकार ने नियमित निपटान के रूप में आईजीएसटी से 15,014 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 11,653 करोड़ रुपये एसजीएसटी को निपटान किया है।
मई 2021 की राजस्व वसूली पिछले साल के इसी महीने में जीएसटी राजस्व वसूली से 65 प्रतिशत अधिक है। महीने के दौरान, वस्तुओ के आयात से राजस्व वसूली 56 प्रतिशत अधिक थी और घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व वसूली पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व वसूली की तुलना में 69 प्रतिशत अधिक है।
यह लगातार आठवां महीना होगा जब जीएसटी राजस्व वसूली 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गयी है। अधिकांश राज्यों में कोविड महामारी के कारण सख्त लॉकडाउन जारी होने के बावजूद जीएसटी राजस्व वसूली में यह उपलब्धि प्राप्त हुई है।
इसके अलावा 5 करोड़ से अधिक लेन देन वाले करदाताओं को 4 जून तक अपना रिटर्न दाखिल करने का अवसर दिया गया था, हालांकि उन्हें 20 मई की नियति तिथि तक जीएसटी रिटर्न दाखिल करना होता है। 5 करोड़ से कम लेन देन वाले छोटे करदाताओं के पास अब भी जुलाई के पहले सप्ताह तक बिना किसी विलंब शुल्क और ब्याज के रिटर्न फाइल करने का समय है।
इन करदाताओं से प्राप्त होने वाली आय को तब तक के लिए टाल दिया गया है। मई 2021 महीने के लिए वास्तविक राजस्व वसूली, इस प्रकार अधिक होगी और सभी विस्तारित तिथियों की समय सीमा समाप्त होने पर वास्तविक जीएसटी राजस्व वसूली ज्ञात हो सकेगी।