चंडीगढ़ (हि.स.)। हरियाणा के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को गेहूं खरीद के लिए एडवांस राशि दी जाएगी। राज्य सरकार की ओर से कर्मियों को बिना ब्याज के 23 हजार रुपये राशि देने का निर्णय किया है। वित्त विभाग ने गेहूं खरीद के लिए एडवांस राशि की मंजूरी भी दे दी है।
वित्त विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों, राज्य के मंडलायुक्त, जिला उपायुक्त, उपमंडल अधिकारी, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार और सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र लिखकर सूचित किया है कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान गेहूं खरीद के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को ब्याज मुक्त अग्रिम राशि दी जाएगी। विभागाध्यक्षों की ओर से गेहूं के अग्रिम अनुदान पर होने वाले व्यय को लेकर वित्त विभाग को 15 जून तक सूचित करना होगा।
वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा बुधवार को जारी निर्देश जारी किए गए हैं कि राज्य के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जो अपने लिए गेहूं खरीदना चाहते हैं, उन्हें 23 हजार रुपये की अग्रिम अनुदान ब्याज देने का फैसला लिया है। साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि कर्मचारी अपने परिवार की खपत या लागत के हिसाब से जितनी गेहूं खरीदेगा, उसकी अग्रिम वसूली विभाग द्वारा मासिक किस्तों के हिसाब से की जाएगी, अग्रिम अनुदान राशि का भुगतान 31 मार्च 2024 से पहले करना अनिवार्य है।
विभागाध्यक्षों को लिखे पत्र में वित्त विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अग्रिम राशि स्थायी और अस्थायी चतुर्थ श्रेणी के लिए स्वीकार्य है। यही नहीं अस्थायी कर्मचारियों को अग्रिम राशि का भुगतान विभागाध्यक्षों की संस्तुति के आधार पर किया जाएगा, ताकि वित्तीय वर्ष 2024-25 की समाप्ति से पहले इसकी वसूली हो सके।
ऋण लेने वाले अग्रिम की निकासी की तारीख के एक महीने के भीतर इसका प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है कि उसे उस राशि का उपयोग खरीद के लिए किया है। 31 मई के बाद अग्रिम राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। यही नहीं अग्रिम राशि की पहली किस्त की वसूली जून माह के वेतन से की जाएगी।
वित्त विभाग की ओर से स्पष्ट हिदायत दी गई है कि जो कर्मचारी सरकार, निगमों और स्थानीय निकायों में प्रतिनियुक्ति पर हैं, उन्हें अग्रिम राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। जहां पर पति-पत्नी दोनों नौकरीपेशा हैं, उनमें से केवल एक को ही राशि का भुगतान किया जाएगा।