Tuesday, November 5, 2024
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हाईकोर्ट का आदेश: पुलिस निरीक्षक भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को 90 दिनों में जारी करें नियुक्ति पत्र

बिलासपुर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आज सोमवार को एक बड़ा निर्णय देते हुए पुलिस निरीक्षक भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को 90 दिनों में नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने कहा कि, प्लाटून कमांडर की भर्ती में महिला उम्मीदवारों की जगह वंचित पुरुष अभ्यर्थियों का फिजिकलटेस्ट लेकर मेरिट के आधार पर 45 दिन में पूरा कर नियुक्ति आदेश जारी करें।

इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस उपनिरीक्षक ,प्लाटून कमांडर सूबेदार भारतीय परीक्षा को चुनौती देने वाली सभी याचनाओं को खारिज कर दिया।

उल्लेखनीय है कि सितंबर 2021 में पुलिस विभाग में सूबेदार ,सब इंस्पेक्टर प्लाटून कमांडर ,सूबेदार ,सब इंस्पेक्टर सहित अन्य 975 पदों पर भर्ती के लिए सितंबर 2021 में एक विज्ञापन जारी किया गया था।प्लाटून कमांडर के 247 पदों पर भर्ती होनी थी। विज्ञापन में स्पष्ट था कि महिला उम्मीदवार, प्लाटून कमांडर के लिए पात्र नहीं होगी।16 मई 2023 को मुख्य परीक्षा के लिए पात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई।जिसमें प्लाटून कमांडर और अन्य पद मिलकर 317 महिला अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया । इसके बाद मेरिट सूची से वंचित उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट ने अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की। इसमें भर्ती में अनियमितता सहित नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगाए गए।याचिका में यह भी कहा गया कि मुख्य परीक्षा की सूची में 6013 महिला अभ्यर्थियों के नाम विज्ञापन की शर्तो और प्रक्रिया के विरूद्ध शामिल किये गए।जबकि प्लाटून कमांडर के लिए महिलायें पात्र नहीं थी ।

26 मई 2023 से 29 मई 2023 तक मुख्य परीक्षा आयोजित की गई थी। पांच जून 2023 को पहला मॉडल आंसर जारी किया गया और 7 जून 2024 तक दावा आपत्ति मंगाई गई। याचिका कर्ताओं ने आपत्ति प्रस्तुत की थी। मेरिट सूची में शामिल उम्मीदवारों ने भी हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की थी। एडवोकेट धीरज वानखेड़े ने चयनित उम्मीदवारों का पक्ष कोर्ट में रखा। उन्होंने कहा कि व्यापम ने सभी प्रक्रियाओं का पालन कर परीक्षा लिया है। इसके बाद इंटरव्यू लेकर मेरिट सूची जारी की गई। उन्होंने चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति आदेश जारी करने की मांग की ।

सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास के सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था । आज सोमवार को सिंगल बेंच ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि भर्ती के लिए मेरिट सूची में महिलाओं का शामिल करना गलत है। महिला उम्मीदवारों का नाम हटाकर उनकी जगह पुरुष उम्मीदवारों को शामिल किया जाए ।इसके लिए राज्य सरकार को 45 दिनों के भीतर प्रक्रिया का पालन करते हुए मेरिट सूची बनाने का आदेश दिया है।

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