जयपुर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली जिले की विभिन्न पंचायत समितियों में संविदा सेवा पर कार्यरत कनिष्ठ तकनीकी सहायकों का नियम विरुद्ध तबादला करने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने प्रमुख पंचायती राज सचिव और जिला परिषद करौली के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित अन्य से इस संबंध में अपना जवाब पेश करने को कहा है। जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश गणेश व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता करौली जिले की विभिन्न पंचायत समितियों में संविदा सेवा पर कनिष्ठ तकनीकी सहायक पद पर कार्यरत हैं। जिले के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इनका तबादला गंगापुर जिले की पंचायत समितियों में कर दया। जबकि अगस्त, 2023 माह में ही नए जिलों का नोटिफिकेशन जारी हो गया था और सितंबर माह में पंचायती राज विभाग ने टोडाभीम व नादौती पंचायत समितियों को गंगापुर जिले में क्षेत्राधिकार दे दिया था।
इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता तकनीकी सहायकों का तबादला करौली जिले की पंचायत समितियों से गंगापुर जिले की पंचायत समितियों में कर दिया और इनके स्थान पर गंगापुर जिले की पंचायत समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को लगा दिया गया। याचिका में कहा गया कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी को एक जिले से दूसरे जिले में तबादला करने का अधिकार नहीं है।
इसके अलावा याचिकाकर्ता पूर्व में संविदा पर थे, जिन्हें गत अप्रैल माह में संविदा सेवा में ले लिया गया। संविदा सेवा के नियमों में प्रावधान है कि उनका तबादला एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं किया जा सकता। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।