नई दिल्ली (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य पर आज नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इसकी अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय गृह मंत्री ने एजेंसियों को जम्मू में एरिया डॉमिनेशन प्लान और ज़ीरो टेरर प्लान के माध्यम से कश्मीर घाटी में हासिल की गई सफलताओं को दोहराने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराते हुए कहा, जम्मू और कश्मीर से आतंकवाद के सफाये के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक दौर में है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई घटनाएं बताती हैं कि आतंकवाद बड़ी संगठित आतंकी हिंसाओं से सिमट कर छद्म लड़ाई तक सीमित होने के लिए मजबूर हो गया है, लेकिन हम इसको भी जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इनोवेटिव तरीकों से आतंकियों पर कार्रवाई कर एक मिसाल बनाने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने सभी एजेंसियों को मिशन मोड में काम करने और समन्वित तरीके से त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने पर बल दिया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय पर जोर देते हुए संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और उनकी सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देने पर ज़ोर दिया। उन्होंने स्थानीय खुफिया नेटवर्क को मजबूत करने, सुरंगों का पता लगाने और ड्रोन का मुकाबला करने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को भारत सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों से कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं में महत्वपूर्ण कमी के साथ-साथ बड़े पैमाने पर सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटकों का आना वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार को दिखाता है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने जम्मू और कश्मीर में रिकॉर्ड मतदान के साथ लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए जम्मू और कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की सराहना की।
बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, केन्द्रीय गृह सचिव, निदेशक, खुफिया सूचना ब्यूरो, सेनाध्यक्ष (नामित) लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के महानिदेशक, जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।