अब तक इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रहे प्रोविडेंट फंड की आय पर भी टैक्स लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिये केंद्र सरकार ने नये आयकर नियमों को अधिसूचित भी कर दिया है। नये आयकर नियमों के अनुसार कर्मचारी के मौजूदा पीएफ अकाउंट को दो अलग-अलग अकाउंट में बांट दिया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि अभी तक सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के पीएफ योगदान को टैक्स से मुक्त रखा गया है और साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों को ईपीएफ में योगदान की राशि पर टैक्स से छूट भी दी जाती है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नये नियमों के लागू हो जाने के बाद पीएफ में योगदान की राशि पर टैक्स से छूट मिलना बंद हो जाएगी और उस पर टैक्स भी देना होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पीएफ अकाउंट में जमा आपकी रकम पर मिलने वाले ब्याज की गणना करने के लिए उसी खाते में एक अलग से खाता खोला जाएगा।
इसके बाद सभी मौजूदा ईपीएफ खातों को टैक्सेबल और नन-टैक्सेबल खातों में बांट दिया जाएगा। सीबीडीटी के अनुसार 31 मार्च 2021 तक किसी भी योगदान पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा, लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 के बाद पीएफ खातों पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होगा और उसकी गणना अलग-अलग की जाएगी। वित्त वर्ष 2021-22 और उसके बाद के वर्षों में पीएफ अकाउंट के भीतर अलग-अलग अकाउंट होंगे।
सीबीडीटी ने कहा है कि नए नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे, लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 तक अगर आपके खाते में सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा होता है, तो उस पर मिलने वाला ब्याज कर कर योग्य होगा और उस पर आपको टैक्स देने होंगे। इस ब्याज की जानकारी लोगों को अगले साल के इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय देनी होगी।