हाल ही में आयोजित पशु आनुवंशिक संसाधन (एजीआर) पर अंतर सरकारी तकनीकी कार्य समूह (आईटीडब्ल्यूजी) के 12वें सत्र में भारत को उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया और उसने एशिया व प्रशांत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसका आयोजन 18-20 जनवरी, 2023 के दौरान रोम में किया गया था। आईसीएआर के उप महानिदेशक (पशु विज्ञान) और राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. बी एन त्रिपाठी ने इस सत्र की अध्यक्षता की और दूत के रूप में भी काम किया।
खाद्य और कृषि के लिए आनुवंशिक संसाधनों पर एफएओ के आयोग (सीजीआरएफए) ने इस कार्यकारी समूह का गठन किया था। इस समूह का कार्य तकनीकी मुद्दों की समीक्षा करना, आयोग को सलाह देना व सिफारिशें सौंपना और वैश्विक स्तर पर एजीआर से संबंधित आयोग के कार्यक्रम को आगे लागू करना है।
आईटीडब्ल्यूजी के 12वें सत्र में पशु आनुवंशिक संसाधनों के लिए वैश्विक कार्य योजना के कार्यान्वयन, एएनजीआर विविधता की निगरानी और तीसरी कंट्री रिपोर्ट तैयार करने की समीक्षा की गई। इसके अलावा प्रमुख एजेंडा जैसे- जुगाली करने वाले मवेशियों में पाचन के लिए सूक्ष्मजीवों की प्रासंगिक भूमिका, जलवायु परिवर्तन को रोकने व अनुकूलन में आनुवंशिक संसाधनों की भूमिका, एएनजीआर के लिए पहुंच व लाभ-साझाकरण, डिजिटल, संरक्षण के लिए सिक्वेंस की जानकारी और संभावित निहितार्थ और आनुवंशिक संसाधनों के स्थायी उपयोग पर चर्चा की गई।
आईटीडब्ल्यूजी सत्र से पहले वैश्विक राष्ट्रीय समन्वयकों की कार्यशाला 16-17 जनवरी, 2023 को एफएओ मुख्यालय में आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला में डॉ. बी एन त्रिपाठी ने घरेलू पशु विविधता- सूचना प्रणाली (डीएडी-आईएस) के तहत डेटा अपडेट करने में देश के अनुभव को साझा किया। इसके साथ उन्होंने नस्ल पंजीकरण और अधिसूचना प्रणाली आदि सहित देसी प्रजातियों को सूचीबद्ध करने के लिए रूपरेखा प्रस्तुत की। वहीं, सदस्यों ने जर्मप्लाज्म क्रायोप्रिजर्वेशन के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और एसडीजी संकेतकों को पूरा करने के लिए गैर-विवरणीय एजीआर का दस्तावेजीकरण करने की सराहना की।