नई दिल्ली (हि.स.)। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को कहा कि इस साल भारत में ‘सामान्य से अधिक’ मानसून रहने की संभावना है। सोमवार को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने देश में इस साल होने वाले मानसून का पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया कि इस बार सीजन की कुल बारिश 87 सेंटीमीटर औसत के साथ 106 प्रतिशत रहने की संभावना है।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 1971 से 2020 तक के वर्षा के आंकड़ों के अध्ययन में हमने नई दीर्घकालिक औसत और सामान्य शुरुआत की है। इसके अनुसार, 1 जून से 30 सितंबर तक पूरे देश की कुल वर्षा का औसत 87 सेमी होगा। भारत में अच्छे मानसून से जुड़ी ला नीना की स्थिति अगस्त-सितंबर के बीच विकसित होगी।
महापात्रा ने कहा कि विश्लेषण से पता चला है कि 22 ला नीना वर्षों में, 1974 और 2000 को छोड़कर अधिकांश वर्षों में सामान्य या सामान्य से अधिक मानसून दर्ज किया गया था, जब सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर अल नीनो की मध्यम स्थिति बनी हुई है। पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि मानसून ऋतु के शुरुआती भाग के दौरान अल नीनो की स्थिति और कमजोर होकर तटस्थ ईएनएसओ स्थितियों में परिवर्तित होने की संभावना है और इसके बाद मानसून ऋतु के दूसरे भाग में ला नीना स्थितियां विकसित होने की संभावना है।
विभाग के अनुसार पिछले तीन महीनों (जनवरी से मार्च 2024) के दौरान उत्तरी गोलार्ध में बर्फ की आवरण सीमा सामान्य से कम थी। उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और बसंत में बर्फ की आवरण सीमा का आगामी भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसून वर्षा के साथ सामान्यतः विपरीत संबंध है।